नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी यात्रा पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने विस्तार से जानकारी दी है। प्रधानमंत्री मोदी 23-24 जुलाई को यूनाइटेड किंगडम (यूके) के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इसके बाद 25-26 जुलाई को उनकी मालदीव यात्रा तय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूके की आधिकारिक यात्रा पीएम कीर स्टारमर के निमंत्रण पर हो रही है। यह प्रधानमंत्री मोदी की यूके की चौथी यात्रा होगी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि यह यात्रा जरूर छोटी है, लेकिन दोनों नेताओं को द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक पहलुओं की समीक्षा करने, इसे और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा करने और क्षेत्रीय तथा वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचार करने का अवसर देगी।
विदेश सचिव ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा कि भारत-यूके साझेदारी को 2021 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में उन्नत किया गया था और तब से उच्च स्तरीय राजनीतिक संपर्क नियमित रूप से हो रहे हैं। दोनों पक्ष इस साझेदारी को और ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विक्रम मिस्री ने कहा, "ब्रिटेन के कई विश्वविद्यालय भी भारत में अपना कैंपस खोलने पर विचार कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण रिश्ते के कुछ और भी तथ्य और आंकड़े हैं। 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 55 बिलियन डॉलर को पार कर गया। यूके भारत में छठा सबसे बड़ा निवेशक है, जिसके पास कुल निवेश 36 बिलियन डॉलर का है।"
खालिस्तान के विषय पर भी विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, "खालिस्तानी चरमपंथियों और उनसे जुड़े संगठनों की मौजूदगी का मुद्दा हम ब्रिटेन में अपने सहयोगियों के ध्यान में लगातार लाते रहे हैं और आगे भी लाते रहेंगे। यह न सिर्फ हमारे लिए चिंता का विषय है, बल्कि हमारे सहयोगियों के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए, क्योंकि यह उनके देशों में सामाजिक समरसता और सार्वजनिक व्यवस्था को भी प्रभावित करता है।"
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ पर विदेश सचिव ने कहा, "अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में टीआरएफ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया। यकीन है कि हमारे ब्रिटिश सहयोगियों को इस घटनाक्रम की जानकारी है, लेकिन इससे हमें सीमा पार आतंकवाद जैसे मुद्दों और ऐसी चुनौतियों का दृढ़ता से जवाब देने की जरूरत पर अपने विचार साझा करने का अवसर मिलेगा।"
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की मालदीव यात्रा 25 और 26 जुलाई को होगी। वे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर इस दौरे पर जाएंगे।
विक्रम मिस्री ने कहा, "प्रधानमंत्री का मालदीव दौरा निश्चित रूप से मालदीव के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय आधिकारिक बैठकों को भी शामिल करेगा। कुछ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि हम नई पहल के संबंध में भी कुछ घोषणाएं करेंगे, जिनका विवरण बाद में दिया जाएगा।
विदेश सचिव ने कहा, "मालदीव हमारे पड़ोस में है और हमारा एक बहुत करीबी साझेदार है। यह भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और महासागर विजन का भी हिस्सा है, जो सुरक्षा और विकास के लिए क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है। संकट के समय, चाहे प्राकृतिक हो या मानवनिर्मित, हमने हमेशा मालदीव की जरूरतों का तुरंत समर्थन किया है। हमारे बीच मजबूत राजनीतिक संबंध रहे हैं, जो नियमित उच्च स्तरीय दौरों से और मजबूत होते रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "आर्थिक मोर्चे पर, भारत मालदीव का एक सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। द्विपक्षीय व्यापार लगभग 500 मिलियन डॉलर का है। भारतीय निवेशक मालदीव में पर्यटन और अन्य आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। दोनों देश एक मुक्त व्यापार समझौते और एक निवेश संधि पर भी बातचीत कर रहे हैं।"