नई दिल्ली: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान बहुत डरा हुआ है वह जानता है कि भारत उसके खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है। पाकिस्तान यह भी जानता है कि ऐसे समय में चीन को छोड़कर कोई भी उसका साथ नहीं देगा। ऐसे में भारत को देख लेंगे की धमकी देने वाले पाकिस्तानी हुक्मरान अब कहने लगे हैं कि युद्ध कोई हल नहीं है। दूसरी ओर पाकिस्तान ने अपने देश में सूचनाओं का ऐसा दुष्प्रचार शुरू किया है जिससे वहां की जनता को लगे कि पाकिस्तानी सेना का पलड़ा भारी है, लेकिन तमाम पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल बता रहे हैं कि वहां की जनता इसे मान रही है कि पाक सेना भारत के सामने नहीं टिक पाएगी।
खबरें तो यहां तक भी हैं कि पाकिस्तान के पास सिर्फ एक हफ्ते का गोला-बारूद भी नहीं है क्योंकि उसने बहुत सारा सामान चोरी छिपे यूक्रेन को बेच दिया है। अब जब पाकिस्तान को युद्ध सामग्री की जरूरत है तो उसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है और उससे भी बड़ी परेशानी इसकी खरीद में लगने वाली विदेशी मुद्रा की कमी की है। रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महीने का ही विदेशी मुद्रा भंडार है। युद्ध की कोई भी स्थिति उसे बड़ी आर्थिक परेशानी में डाल सकती है।
पाकिस्तान के खिलाफ जिस तरह भारत ने वैश्विक स्तर पर मोर्चाबंदी की है उससे उसका एक बार फिर एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में जाना तय है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान का पैसा खत्म होने वाला है और उसे कहीं से भी पैसा उधार नहीं मिलने वाला है। जहां तक पाकिस्तान की ओर से छेड़े गये दुष्प्रचार अभियान में वह मीडिया में खबरें चलवा रहा है कि उसके सुरक्षा बलों ने भारत के निगरानी ड्रोन को मार गिराया। पाकिस्तान में खबरें चल रही हैं कि एलओसी पर भारतीय सेना को करारा जवाब दिया गया जबकि हकीकत यह है कि नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना ने पाकिस्तानी बलों की ओर से की गयी अकारण गोलीबारी के बाद पलटवार करते हुए पड़ोसी देश के छक्के छुड़ा दिये हैं।
पाकिस्तानी मीडिया में यह भी खबरें चल रही हैं कि भारत के पीएम मोदी ने अपनी सेनाओं को खुली छूट दे दी है। जबकि हकीकत यह है कि पीएम मोदी ने पहलगाम हमला मामले का बदला लेने के लिए सेना को समय, स्थान और हमले का तरीका तय करने की छूट दी है। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में जान बूझकर ऐसे शब्द इस्तेमाल किए जा रहे हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच खुद को पीड़ित और भारत को आक्रांता के रूप में दर्शाया जा सके।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत की ओर से की जा रही वैश्विक मोर्चाबंदी की बात है तो बता दें कि दुनिया की बड़ी शक्तियों समेत अधिकतर देशों ने भारत के प्रति अपना समर्थन जताया है। इस्लामिक देशों ने भी भारत का साथ देने की बात कही है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारी विदेशी राजनियकों के सामने रोना रो रहे हैं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री तमाम देशों के मंत्रियों को फोन कर समर्थन मांग रहे हैं लेकिन उन देशों के राष्ट्राध्यक्ष सीधे भारत को फोन कर अपने समर्थन की पेशकश कर दे रहे हैं।