डीएमडीके महासचिव प्रेमलता ने तमिलनाडु सरकार पर साधा निशाना, भ्रष्टाचार और शराबबंदी पर उठाए सवाल

प्रेमलता विजयकांत का डीएमके पर हमला, 2026 चुनाव से पहले बड़ा सम्मेलन जनवरी में।
डीएमडीके महासचिव प्रेमलता ने तमिलनाडु सरकार पर साधा निशाना, भ्रष्टाचार और शराबबंदी पर उठाए सवाल

चेन्नई: डीएमडीके की महासचिव प्रेमलता विजयकांत ने तमिलनाडु की सत्तारूढ़ सरकार पर भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आगामी 8-9 महीनों में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस दौरान डीएमडीके अपनी रणनीति को और मजबूत करेगी।

प्रेमलता ने घोषणा की कि 9 जनवरी को कुड्डालोर में डीएमडीके एक बड़ा सम्मेलन आयोजित करेगी, जिसमें गठबंधन समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसले लिए जाएंगे। उन्होंने इसे एक "बड़ी घोषणा" करार देते हुए कहा कि यह सम्मेलन पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होगा।

डीएमडीके महासचिव ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि छापेमारी कोई नई बात नहीं है। जो लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। जिन्होंने गलत किया, उन्हें सजा मिले। अगर लोग टैक्स के पैसे से भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी करते हैं, तो उन्हें जवाबदेह होना पड़ेगा।

तमिलनाडु सरकार पर सुशासन के अभाव का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि डीएमके सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने में नाकाम रही है। सरकार महिलाओं को 1,000 रुपये जैसी योजनाओं के जरिए लुभाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह सिर्फ वोट हासिल करने का हथकंडा है।

उन्होंने शराब और नशे की बढ़ती समस्या पर भी चिंता जताई। प्रेमलता के मुताबिक, टीएएसएमएसी (तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन) के जरिए अवैध शराब और ड्रग्स की बिक्री ने युवाओं को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि हर तरफ शराब का बोलबाला है। नशे की वजह से तमिलनाडु में हत्याएं, मारपीट और बलात्कार जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं।

उन्होंने सरकार पर युवाओं के भविष्य को खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार रहित सुशासन की जरूरत है। सरकार के पास अपने वादों को पूरा करने के लिए अभी 8-9 महीने का समय है, लेकिन जनता सब देख रही है। जनता ही अंतिम मालिक है और 2026 के विधानसभा चुनाव में वह अपना फैसला सुनाएगी।

--आईएएनएस

 

 

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