‘वक्फ संशोधन अधिनियम मामले में नहीं होता पालन तो कोर्ट देखेगा’, 20 मई को शीर्ष अदालत में अगली सुनवाई

वक्फ एक्ट संशोधन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, अगली सुनवाई 20 मई को तय
‘वक्फ संशोधन अधिनियम मामले में नहीं होता पालन तो कोर्ट देखेगा’, 20 मई को शीर्ष अदालत में अगली सुनवाई

नई दिल्ली: चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑग्स्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने गुरुवार को वक्फ संशोधन अधिनियम मामले में सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसजी तुषार मेहता पहले ही पिछली सुनवाई में आश्वस्त कर चुके हैं कि वक्फ एक्ट के कुछ प्रावधान लागू नहीं होंगे और इस पर अगर पालन नहीं होता तो कोर्ट देखेगा। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 20 मई को सुनवाई करेगा।

चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑग्स्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हमने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या इस केस में अभी अंतरिम राहत के लिए सुनवाई हो रही है?

तुषार मेहता ने कहा कि अगर कोर्ट अंतरिम आदेश पर विचार करे, तो उसमें भी ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं की तरह वो भी शॉर्ट नोट्स दाखिल करेंगे।

वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमने संक्षिप्त नोट तैयार किया है, जिसे हम एसजी तुषार मेहता से शेयर कर सकते हैं। इस पर एसजी मेहता ने कहा कि इस मामले में बड़ी संख्या में हस्तक्षेप आवेदन फाइल हुए हैं। ये कोर्ट पर निर्भर करता है कि वो सुने या नहीं, लेकिन मेरी राय में वो नहीं सुनी जानी चाहिए, यानी मुख्य याचिकाओं पर सुनवाई हो।

वहीं, वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमने अपनी याचिका में यह बात रखी है कि वक्फ एक्ट में बदलाव के बावजूद इसके कुछ मनमाने प्रावधान बने हुए हैं। हमने पहले भी उन्हें रद्द करने की मांग की थी। कोर्ट हमारी मांग पर विचार करें।

इस पर अदालत ने कहा कि एसजी तुषार मेहता पहले ही पिछली सुनवाई में आश्वस्त कर चुके हैं कि वक्फ एक्ट के कुछ प्रावधान लागू नहीं होंगे। ये व्यवस्था अभी लागू रहेगी। इस पर अगर पालन नहीं होता तो कोर्ट देखेगा। एसजी ने भी आश्वस्त किया कि कोर्ट को दिए सरकार के अंडरटेकिंग पर कायम हैं।

--आईएएनएस

 

 

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