रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में घोटाले के आरोपी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर आठ हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
कोड़ा ने इस घोटाले में निचली अदालत में आरोप गठित किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, लेकिन इस पर सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता ने चौथी बार वक्त मांगा। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए उन पर जुर्माना लगाया है।
मामले की अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद निर्धारित की गई है। इस मामले में मधु कोड़ा पर पूर्व में भी तीन बार जुर्माना लग चुका है। अदालत ने एक मार्च 2025 को इस केस में तीसरी बार समय मांगे जाने पर उन पर 4,000 रुपए, 17 जनवरी 2025 को 2,000 रुपए और 13 दिसंबर 2024 को 1,000 रुपए का जुर्माना लगाया था।
जुर्माने की रकम झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी (झालसा) में जमा करने का निर्देश दिया गया है। मधु कोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए हैदराबाद की बिजली कंपनी आईवीआरसीएल के निदेशक डीके श्रीवास्तव से मुंबई में 11.40 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। इसके एवज में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए झारखंड के लातेहार, गढ़वा और पलामू सहित छह जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण करने का टेंडर दे दिया। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
मधु कोड़ा इसमें ढाई साल तक जेल में रहे थे। उन्हें 30 जुलाई 2013 को जमानत मिली थी। वर्ष 2006 में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना के लिए झारखंड को केंद्र से 467.76 करोड़ रुपए मिले थे। इस परियोजना के तहत झारखंड के छह जिलों के 27,359 गांवों का विद्युतीकरण किया जाना था। इससे 29.26 लाख परिवारों को सीधे तौर पर लाभ मिलता।
इस केस में सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट के आधार पर मधु कोड़ा के खिलाफ आरोप गठित किया गया है, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। शुक्रवार को अदालत में हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पक्ष रखा।