नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बुधवार को एसिड अटैक सर्वाइवर 'काफी' को सम्मानित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। 'काफी' के साहस और दृढ़ संकल्प ने अनगिनत लोगों को इस मुश्किल के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया के. राहटकर ने की और इसमें एसिड अटैक सर्वाइवर्स के समर्थन और अधिकारों को समर्पित एक विशेष पुस्तिका का अनावरण भी किया गया।
'काफी' की कहानी दुर्लभ है। तीन साल की उम्र में उस पर हमला हुआ था और उसे लगभग छह साल अस्पताल में बिताने पड़े। उसका परिवार, जिसका अटूट प्यार और उसके भविष्य में विश्वास उसके नाम 'काफी' में झलकता है, जिसका अर्थ है "पर्याप्त" और यही उसकी निरंतर शक्ति का स्रोत रहा है। परेशानी और चुनौतियों के बावजूद 'काफी' ने अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा में अव्वल रही।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा विजया के. राहटकर ने कहा, "'काफी' की कहानी साहस और दृढ़ संकल्प की शक्ति का प्रमाण है। उसने हमें दिखाया है कि असली सुंदरता दिखावे में नहीं बल्कि आत्मा की ताकत में निहित है। एनसीडब्ल्यू उन्हें सलाम करता है।
कार्यक्रम में 'काफी' के प्रेरणादायक शब्दों ने भी वहां मौजूद लोगों को प्रभावित किया। उसका यह संदेश कि, "असली खूबसूरती साहस में है," यह संदेश वहां मौजूद सभी लोगों के दिलों में गहराई से उतर गया।
कार्यक्रम के दौरान, एनसीडब्ल्यू ने एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर केंद्रित एक विशेष पुस्तिका जारी की। पुस्तिका में संबंधित अपराधों, कानूनी प्रावधानों और सर्वाइवर्स के लिए उपलब्ध सहायता प्रणालियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है, जो एसिड अटैक सर्वाइवर्स के अधिकारों और कल्याण की वकालत करने के लिए आयोग की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
यह पहल भारत भर में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए एनसीडब्ल्यू के व्यापक मिशन के अनुरूप है, तथा यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक महिला सम्मान और गरिमा के साथ रह सके।