नई दिल्ली: बिहार एसआईआर मुद्दे को लेकर तेजस्वी यादव के बयान पर राजनीति तेज है। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में तेजस्वी यादव ने आगामी चुनावों का बहिष्कार करने का संकेत दिया। हालांकि, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव हार के डर से ऐसी बातें कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव पर भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा, "तेजस्वी यादव डरे हुए हैं। वे चुनाव बहिष्कार की बात इसलिए नहीं कर रहे हैं कि उन्हें एसआईआर से दिक्कत है, बल्कि वे चुनाव हार रहे हैं। इसके कारण उन्होंने नाटक करना शुरू किया है।"
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में शशांक मणि त्रिपाठी ने आगे कहा, "बिहार में जनता की आवाज भाजपा की तरफ है। इससे तेजस्वी यादव डर गए हैं।"
भाजपा के सांसद दामोदरदास अग्रवाल ने भी तेजस्वी यादव को जवाब दिया है। एसआईआर प्रक्रिया पर उन्होंने कहा कि मृतकों के नाम हटाना, दोहरे नाम को एक जगह करना और अवैध रूप से रहने वाले लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाना, यही तीन मुद्दे हैं।
दामोदरदास अग्रवाल ने सवाल उठाते हुए कहा, "क्या बांग्लादेशियों, रोहिंग्या और अवैध रूप से रहने वाले लोगों को मतदान का अधिकार मिलना चाहिए? क्या दो अलग-अलग जगह नाम वाले मतदाताओं को इसकी छूट मिलनी चाहिए? क्या 18 लाख मृत लोगों के नाम भी मतदाता सूची में रहने चाहिए, ताकि उनकी जगह यह लोग फर्जी वोट डाल सकें?"
तेजस्वी यादव पर सवाल दागते हुए उन्होंने कहा, "वह कौन सा मुद्दा है, जिस पर तेजस्वी यादव की असहमति है? क्या वे रोहिंग्या या फर्जी मतदाताओं के माध्यम से चुनाव को कैप्चर करना चाहते हैं?"
इससे पहले, तेजस्वी यादव ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पर हंगामे के बीच 'चुनाव बहिष्कार' की बात की। यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष आपसी सहमति से चुनावों का बहिष्कार करने पर विचार कर सकता है, तेजस्वी यादव ने कहा, "इस पर भी चर्चा हो सकती है। हम देखेंगे कि जनता क्या चाहती है और सबकी क्या राय है।"