सोडा के सेवन से बढ़ सकता है प्यास का अहसास

गर्मी में सोडा और मीठे पेय पदार्थ डिहाइड्रेशन बढ़ा सकते हैं, जिससे प्यास और बढ़ सकती है
Soda consumption

नई दिल्ली: कई लोग गर्मी में पानी की बजाय कुछ और लिक्विड का सेवन करते हैं, जो असल में शरीर को हाइड्रेट करने की बजाय उसे और भी डिहाइड्रेटेड बना सकते हैं। गर्मी में प्यास लगना स्वाभाविक है, और शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी होता है।  जब हम घर से बाहर होते हैं, तो प्यास बुझाने के लिए कुछ खाद्य और पेय पदार्थों से बचना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े। पहले नंबर पर आता है सोडे वाली शिकंजी, जिसे कई लोग प्यास लगने पर पीते हैं। हालांकि, शिकंजी में अगर सोडा मिलाया गया हो, तो यह शरीर को हाइड्रेट करने की बजाय उसे और डिहाइड्रेट कर सकता है। 

सोडा के सेवन से प्यास का अहसास बढ़ सकता है, जिससे शरीर की हालत और बिगड़ सकती है। इसके अलावा, फ्रूट जूस भी एक आम गलती है जिसे प्यास लगने पर पी लिया जाता है। फ्रूट जूस में शुगर और कार्ब्स की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को हाइड्रेट करने के बजाय डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा कर सकती है। खासकर, बिना पानी के डाइल्यूट किए गए जूस से बचना चाहिए। मिठाई, बिस्कुट और अन्य मीठी चीजें भी प्यास लगने पर सेहत के लिए ठीक नहीं होतीं। इनमें मौजूद उच्च शुगर और आर्टीफिशियल स्वीटनर्स डिहाइड्रेशन को और बढ़ा सकते हैं, जिससे तबियत खराब होने का खतरा हो सकता है। 

प्यास लगने पर चाय और कॉफी जैसे कैफीनयुक्त ड्रिंक्स से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये शरीर को जल्दी डिहाइड्रेट करते हैं। इन सभी खाद्य और पेय पदार्थों से बचकर सिर्फ पानी, नारियल पानी या अन्य हाइड्रेटिंग विकल्पों का सेवन करना सबसे अच्छा होता है, ताकि शरीर को सही तरीके से हाइड्रेट किया जा सके और तबियत खराब होने से बची रहे।अंत में, तला हुआ खाना भी प्यास लगने पर नहीं खाना चाहिए। गर्मी में प्यास के कारण शरीर में पहले से ही अधिक गर्मी होती है, और तला हुआ खाना इस गर्मी को बढ़ा सकता है, जिससे मतली और उल्टी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। 

 

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