साइबर अपराध के खिलाफ गुजरात पुलिस की बड़ी कार्रवाई : 15 दिनों में सुलझाए गए 12 महत्वपूर्ण साइबर मामले

गुजरात में साइबर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई, डिजिटल गिरफ्तारी समेत 12 केस 15 दिन में सुलझाए
Gujarat cyber crime 2025

अहमदाबाद: साइबर अपराध जहां पूरी दुनिया में चुनौती बनता जा रहा है, वहीं देश में केंद्रीय गृह मंत्री  अमित शाह के नेतृत्व में साइबर अपराध को रोकने और तकनीक का अधिकतम उपयोग कर साइबर अपराध करने वाले अपराधियों को पकड़ने के लिए कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जिसके तहत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के मार्गदर्शन में गुजरात पुलिस ने जागरूकता अभियान के साथ-साथ आधुनिक संसाधनों और विशेषज्ञ अधिकारियों की टीम की मदद से साइबर अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। इस बजट में करोड़ों रुपये की लागत से उच्च तकनीक वाले साइबर उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए भी विशेष प्रावधान शामिल हैं। पिछले 15 दिनों में राज्य के चार महानगरों अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा की साइबर अपराध टीमों और राज्य साइबर अपराध सेल ने 12 महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया है और चीनी साइबर अपराध गिरोह के साथियों और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे अपराधों को अंजाम देने वालों को गिरफ्तार किया है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने इस सफलता के लिए गुजरात पुलिस की सभी टीमों और उनका मार्गदर्शन करने वाले अधिकारियों को बधाई दी है।

अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच को मिली बड़ी सफलता

अहमदाबाद साइबर अपराध शाखा ने 16 मई, 2025 को कंबोडिया और नेपाल से संचालित एक चीनी साइबर अपराध गिरोह के 6 सदस्यों - मनन गोस्वामी, राहुल यादव, आरिफ सैयद, गौतम उर्फ ​​मार्को, चिराग ढोला और यश यादव को गिरफ्तार किया। इस गिरोह ने प्रणय भावसार नामक व्यक्ति के आईसीआईसीआई बैंक खाते को हैक कर 48.85 लाख रुपए निकाल लिए थे। आरोपियों ने प्रणय को 6 दिनों तक नेपाल के एक होटल में डिजिटल गिरफ्तारी, निवेश धोखाधड़ी और टेलीग्राम टास्क धोखाधड़ी जैसे अपराध किए। तकनीकी विश्लेषण और मानवीय खुफिया जानकारी के आधार पर आरोपियों को अहमदाबाद और सूरत से गिरफ्तार किया गया। इन खातों के विरुद्ध एनसीसीआरपी पोर्टल पर 200 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। 14 मई 2025 को डिजिटल अरेस्ट के मामले में 14.94 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले जनक भलाला और भावेश बोरड को सूरत से गिरफ्तार किया गया| आरोपी ने शिकायतकर्ता को मुंबई साइबर क्राइम इंस्पेक्टर के रूप में गलत पहचान दी और ड्रग्स के पार्सल के बहाने उसे डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया था| इसके अलावा एक अन्य मामले में आरोपी दिलीप जगाणी (उम्र 33, अहमदाबाद) साइबर धोखाधड़ी और ठगी के 7 अपराधों में शामिल है। इसमें डिजिटल गिरफ्तारी, झूठे दस्तावेज और धोखाधड़ी शामिल हैं। उसने बैंक खाते खोले, धोखाधड़ी का धन हस्तांतरित कर नेपाल में कम्बोडियाई-चीनी नागरिकों के साथ हेराफेरी करता था, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

सूरत साइबर क्राइम सेल द्वारा की गई कार्रवाई 

02 मई 2025 को सूरत साइबर क्राइम सेल ने दुबई से साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के एक आरोपी अनिल खेनी (उम्र 35, सूरत निवासी) को गिरफ्तार किया, जो पीओएस मशीन के जरिए दिरहम निकालकर धोखाधड़ी करता था। उसके पास से 4 मोबाइल फोन, 5 डेबिट कार्ड, 12 सिम कार्ड सहित सामान जब्त किया गया। इसके अलावा, 07 मई 2025 को विदेशी मुद्रा व्यापार का एक आकर्षक प्रस्ताव देकर 9,30,700 रुपए की ठगी करनेवाले राहुल चौधरी (उम्र 28, निवासी वापी) को सूरत साइबर क्राइम सेल ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया। उसने इंस्टाग्राम के जरिए फर्जी ऐप में निवेश कर धोखाधड़ी की। सूरत साइबर क्राइम सेल ने 15 मई 2025 को बीमा कम्पनी के नाम से गलत पॉलिसी जारी करवा रू. 98,85,000 की ठगी के आरोप में अमित कुमार और सुमित कुमार ठाकुर (दिल्ली) को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने फोन/ईमेल पर गलत जानकारी देकर धोखाधड़ी की। एक अन्य मामले में 90 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक को 16 मई 2025 को डिजिटल रूप से गिरफ्तार कर 1,15,50,000 रुपये की ठगी के मामले में पार्थ गोपाणी (उम्र 22, नेपाल) को लखनऊ एयरपोर्ट पर से गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने सीबीआई/ईडी फर्जी पहचान बताकर धोखाधड़ी की थी। जबकि 16 मई 2025 को एक वरिष्ठ नागरिक को डिजिटल रूप से गिरफ्तार कर कृणालसिंह सिसोदिया (उम्र 21, निवासी अहमदाबाद) को 22,00,400 रुपए की ठगी के आरोप में सूरत साइबर क्राइम सेल ने गिरफ्तार किया। आरोपी ने सीबीआई अधिकारी का गलत परिचय देकर वीडियो कॉल के जरिए धोखाधड़ी की थी|

राजकोट साइबर क्राइम टीम की सफलता 

राजकोट साइबर क्राइम टीम ने 3 मई 2025 को गुजरात-महाराष्ट्र सीमा से रघुवीर सिंह चौहान को पकड़ा, जिसने फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से पैसे ठगे थे। इसके अतिरिक्त, 2 मई 2025 को ऑनलाइन जुआ वेबसाइटों को बढ़ावा देने के लिए 9 सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

वडोदरा साइबर क्राइम पुलिस का कार्य

वडोदरा साइबर क्राइम पुलिस ने मई 2025 तक 2.71 करोड़ की धोखाधड़ी में से 1.01 करोड़ रुपये रिफंड करवाये। एक मामले में रु. 23 लाख रुपये के डिजिटल ठगी का आरोपी पुणे से गिरफ्तार किया गया| जिसने 15 से ज्यादा बैंक खातों का इस्तेमाल कर रु. 50 लाख का ट्रांजेक्शन किया था| 

राज्य साइबर अपराध प्रकोष्ठ  

वडोदरा में हसमन गुप्ता की शिकायत पर बीओएसआईपीटीवी और आईपीटीवी के माध्यम से अवैध स्ट्रीमिंग सेवाएं प्रदान करने वाले आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू की गई, जिससे भारतीय चैनलों को राजस्व का नुकसान हुआ। गुजरात पुलिस की यह सफलता प्रौद्योगिकी और समर्पण का परिणाम है। गुजरात सरकार साइबर अपराध के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रही है। इन कार्रवाइयों के साथ, गुजरात पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में एक नया आयाम स्थापित किया है।

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