नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष रोजर बिन्नी का कार्यकाल जल्द खत्म होने जा रहा है। वह रिटायरमेंट की उम्र के करीब पहुंच रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला अंतरिम अध्यक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, किसी भी पदाधिकारी को 70 वर्ष उम्र के बाद अपना पद छोड़ना होगा। ऐसे में बिन्नी पद पर बने रहने के लिए अयोग्य हो जाएंगे।
'आईएएनएस' से बातचीत में बीसीसीआई के एक सूत्र ने पुष्टि की, "राजीव शुक्ला कुछ महीनों के लिए कार्यभार संभालेंगे। सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट के रूप में वह नियमों के अनुसार भूमिका निभाएंगे।"
अगर राजीव शुक्ला की नियुक्त की जाती है, तो शुक्ला नए अध्यक्ष के चुने जाने तक तीन महीने की अंतरिम अवधि के लिए अध्यक्ष की जिम्मेदारियों की देखरेख करेंगे।
शुक्ला 2020 से बीसीसीआई के उपाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने भारतीय क्रिकेट प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।
इन भूमिकाओं में साल 2017 तक उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के सचिव और 2018 तक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का अध्यक्ष पद शामिल है।
रोजर बिन्नी वनडे वर्ल्ड कप-1983 जीतने वाली भारतीय टीम के अहम खिलाड़ी रहे हैं। उन्हें साल 2022 में बीसीसीआई का 36वां अध्यक्ष चुना गया था। बिन्नी ने भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की जगह ली थी। गांगुली ने साल 2019 से 2022 तक बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभाला था।
बिन्नी विजयनगरम के महाराजा और गांगुली के नक्शेकदम पर चलते हुए बीसीसीआई का नेतृत्व करने वाले तीसरे पूर्व टेस्ट क्रिकेटर हैं।
साल 1979 से लेकर 1987 तक रोजर बिन्नी ने भारत की ओर से 27 टेस्ट और 72 वनडे मैच खेले। टेस्ट करियर में बिन्नी ने 47 विकेट झटके, जबकि वनडे करियर में उनके नाम 77 शिकार हैं।
बिन्नी ने भारत की 1983 विश्व कप जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए 18 विकेट लिए थे, जो उस समय का रिकॉर्ड था।
रिटायरमेंट के बाद रोजर बिन्नी ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह बीसीसीआई सिलेक्शन कमिटी के सदस्य रहे।