पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पटना के एक व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इस हत्याकांड पर सियासत शुरू हो गई है। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है।
उन्होंने इस घटना का जिक्र करते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, "थाना से चंद कदम दूर पटना में बिहार के बड़े व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हर महीने बिहार में सैकड़ों व्यापारियों की हत्या हो रही है, लेकिन जंगलराज नहीं कह सकते? क्योंकि इसे ही शास्त्रों में छवि प्रबंधन कहते हैं।"
दूसरी ओर, कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश राठौड़ ने कहा कि पहले बेटे की हत्या और अब पिता की हत्या से साफ है कि बिहार में गुंडाराज का महातांडव चल रहा है। व्यापारी डर की वजह से यहां से भाग रहे हैं और कोई नया व्यापारी यहां आना नहीं चाहता। उन्होंने कहा, " मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब इस्तीफा दे देना चाहिए या कम से कम गृह मंत्री का पद छोड़कर किसी युवा को यह जिम्मेदारी दे देनी चाहिए।"
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने घटना की गंभीरता को स्वीकार करते हुए राज्य प्रशासन का बचाव किया। उन्होंने कहा कि गोपाल खेमका एक प्रमुख उद्योगपति थे और पटना के गांधी मैदान के पास उनकी नृशंस हत्या पूरी तरह से चौंकाने वाली है। पीड़ित चाहे कोई भी हो, कोई भी हत्या कानून के शासन को चुनौती है। बिहार के डीजीपी ने खुद इस मामले का तुरंत उच्च स्तर पर संज्ञान लिया और सिटी एसपी सेंट्रल के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
इस बीच, गोपाल खेमका के परिवार ने पुलिस पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनके भाई शंकर खेमका ने कहा: "घटना के करीब तीन घंटे बाद, करीब 2:30 बजे अधिकारी पहुंचे। गोपाल घर लौट रहे थे, तभी हमलावरों ने गोलियां चलाईं, ठीक उसी तरह जैसे 2018 में उनके बेटे पर किया गया था।"
बता दें, पटना शहर के एक थाने से बस कुछ ही कदमों की दूरी पर एक बड़े व्यापारी, 'गोपाल खेमका' की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना की जानकारी बिहार पुलिस ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स के जरिए दी।