महाराष्ट्र : नए स्वरूप में विकसित इतवारी रेलवे स्टेशन पर दिख रही है विदर्भ की लोककला

नेताजी सुभाष बोस इतवारी जंक्शन को 12.39 करोड़ में आधुनिक सुविधाओं के साथ किया गया पुनर्विकसित
महाराष्ट्र : नए स्वरूप में विकसित इतवारी रेलवे स्टेशन पर दिख रही है विदर्भ की लोककला

नागपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को देशभर में पुनर्विकसित 103 रेलवे स्टेशनों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इस ऐतिहासिक अवसर पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के तहत आने वाले पांच स्टेशन - सिवनी, डोंगरगढ़, इतवारी, चांदा फोर्ट और आमगांव भी शामिल हैं।

महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित इतवारी स्टेशन, जिसे अब ‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस इतवारी जंक्शन’ नाम दिया गया है, इस अभियान का प्रमुख आकर्षण बना हुआ है। यह स्टेशन 12.39 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं और सांस्कृतिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए पुनर्विकसित किया गया है।

पुनर्विकास के बाद स्टेशन पर कई बदलाव किए गए हैं। अब यहां चौड़ी सड़कें, बेहतर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम और टू-व्हीलर के लिए अलग पार्किंग जोन तैयार किया गया है। यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए आधुनिक टिकट काउंटर, आरामदायक प्रतीक्षालय, दिव्यांगजनों के लिए विशेष व्यवस्थाएं, जन औषधि केंद्र, और रेल कोच रेस्टोरेंट जैसी सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं।

स्टेशन का स्वरूप पारंपरिक और आधुनिक स्थापत्य शैली के सुंदर समन्वय को दर्शाता है, जिसमें विदर्भ की लोककला और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रेरणा झलकती है।

डिविजनल रेलवे मैनेजर दीपक कुमार गुप्ता ने बताया, “यह परियोजना स्थानीय समुदायों, वास्तुविदों, इंजीनियरों और कलाकारों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। स्टेशन की वास्तुकला सुभाषचंद्र बोस की विरासत और विदर्भ की लोककलाओं से प्रेरित है। इसके साथ ही स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। अब यह स्टेशन यात्रियों को एक विश्वस्तरीय अनुभव देने में सक्षम है।”

यह पहल देश के रेलवे नेटवर्क को न केवल तकनीकी रूप से उन्नत बना रही है, बल्कि सांस्कृतिक पहचान को भी नई ऊर्जा दे रही है।

--आईएएनएस

 

 

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