नई दिल्ली: दिल्ली के भड़ोला गांव में शाम एक ऐसी वारदात हुई, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। 18 साल का भीमसेन, जो अपने परिवार की उम्मीदों का सितारा था, उसकी जिंदगी को कुछ वहशियों ने चाकुओं से छलनी कर दिया और ये खौफनाक मंजर हुआ पुलिस चौकी से बस चंद कदमों की दूरी पर, जहां सीसीटीवी ने इस दिल दहलाने वाली घटना को पूरी तरह कैद कर लिया। ये कहानी सिर्फ एक हत्या की नहीं, बल्कि उस दर्द, गुस्से और इंसाफ की गुहार की है, जो आज भीमसेन का परिवार और पूरा गांव उठा रहा है। महिंद्रा पार्क थाना क्षेत्र के भड़ोला गांव में रहने वाला भीमसेन एक आम सा नौजवान था। परिवार के मुताबिक, शुक्रवार को उसकी किसी बात को लेकर एक लड़के से मामूली कहासुनी हुई थी। बात इतनी छोटी थी कि कोई सोच भी नहीं सकता था कि ये एक मासूम की जान ले लेगी। लेकिन, अगले दिन शनिवार की शाम जो हुआ, वो किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। मृतक के परिजनों का कहना है कि मुख्य आरोपी ने भीमसेन को बहाने से घर से बाहर बुलाया। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखता है कि पहले उसने बड़े प्यार से भीमसेन से हाथ मिलाया, कुछ देर बातचीत की और फिर अचानक अपने साथ आए 3 और लड़कों के साथ मिलकर उस पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। खून से लथपथ भीमसेन की हालत ऐसी थी कि कोई भी देखकर सिहर जाए। लेकिन, उसने हिम्मत नहीं हारी। अधमरी हालत में वो खुद ही पुलिस चौकी तक पहुंचा, जहां से उसे बीजेआरएम अस्पताल ले जाया गया। लेकिन, डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसे बचाया न जा सका। भीमसेन के परिवार का कहना है कि ये हत्या सुनियोजित थी। उनका आरोप है कि मुख्य आरोपी का पिता दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात है और इसीलिए पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। परिवार का कहना है कि पुलिस ने न तो समय पर कार्रवाई की और न ही घायल भीमसेन को जल्दी अस्पताल पहुंचाने में मदद की। उल्टा उन्हें धमकियां दी जा रही हैं कि वो इस मामले को आगे न बढ़ाएं। परिजनों का गुस्सा जायज है।