पटना: पटना पुलिस ने ऐसे तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जो खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर लूटपाट करते थे। यह मामला पटना के श्रीकृष्णापुरी इलाके की है। गिरफ्तार किए गए अपराधियों के पास से दो पिस्टल, एक देसी कट्टा, जिंदा कारतूस, फर्जी पहचान पत्र, सेना की वर्दी, बाइक और अन्य आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद की गई हैं। गिरफ्तार आरोपियों के नाम प्रतिम कुमार (सहरसा), अरविंद कुमार (वैशाली) और नीतीश कुमार (धनरूआ) है। ये अपराधी फिल्मों से आइडिया लेकर अपने रोल तय करते थे। गिरोह का सरगना अरविंद कुमार खुद को सीबीआई का स्पेशल अधिकारी बताता था, जबकि उसके साथी सेना की वर्दी में रहते थे ताकि पुलिसकर्मियों और आम नागरिकों पर रौब जमा सकें। पुलिस चेकपोस्ट और चौराहों पर तैनात उम्रदराज पुलिसकर्मियों को वे खासतौर से निशाना बनाते थे। वे खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए पूछताछ के बहाने लोगों से पैसे और कीमती सामान छीन लेते थे। आम नागरिकों को भी ये गैंग अपने झांसे में लेकर ठगने का काम करता था। 10 मई को शिवपुरी अंडरपास के पास एक व्यक्ति से लूटपाट की घटना सामने आई थी। इस घटना के बाद पुलिस ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की और जांच शुरू की।
जांच के दौरान गुप्त सूचना के आधार पर चिरैयाटांड़ पुल के पास एक अपराधी को हिरासत में लिया गया। उनसे पूछताछ के बाद और दो आरोपियों को अगमकुंआ शीतला मंदिर इलाके से गिरफ्तार किया गया। एसडीपीओ साकेत कुमार ने पत्रकारों को बताया कि जांच में सामने आया है कि यह 5 सदस्यों का संगठित गैंग है, जो पूरे पटना और आसपास के इलाकों में घूम-घूमकर लूट और ठगी की वारदातों को अंजाम देता है। फ़िलहाल इस गैंग के तीन सदस्य गिरफ्तार किये गए हैं और दो अभी फरार हैं। उनकी तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। एसडीपीओ के मुताबिक, तीनों आरोपी अपराध की दुनिया के पुराने खिलाड़ी हैं। इनका अपराधिक इतिहास भी सामने आया है। ये पूर्व में भी चोरी, लूट, ठगी जैसे मामलों में विभिन्न थानों से जेल जा चुके हैं।