देहरादून: प्रमुख समाजसेवी एवं इस्लामिक विद्वान डाॅक्टर शालिनी अली ने कहा है कि वक्फ सुधार एक ऐतिहासिक संशोधन कानून है। वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसरन) विधेयक आधारित है इसके लिए वक्फ सुधार जन जागरूकता अभियान को पूरे देश भर में चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापक स्तर पर लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। यहां रिस्पना पुल स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज हम पहलगाम के शहीदों को भूल भी नहीं पाये है कि और एक समाज के लोगों ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ पन्द्रह मिनट के लिए बत्ती गुल रखकर विरोध दर्ज किया गया और यह घटना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने उन शहीदों के लिए इस प्रकार का कोई कार्य करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि ओवेसी एवं परसनल लाॅ बोर्ड ने भी इस कानून को लेकर जंग छेड़ दी है देश की साम्प्रदायिकता के खिलाफ जहर घोला जा रहा है भारत एक देश था एक है और हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि यह वक्फ सुधार कानून एक ऐतिहासिक संशोधन है वक्फ स्तर पर जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है और यह कार्य पूरे देशभर में जन जागरण अभियान के रूप में चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्ति न तो मुस्लिम समाज की है और न ही किसी और की है यह सब अल्लाह का है। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता अभियान जनता तक पहंुचे इसके लिए कार्य किया जा रहा है और वक्फ कानून से उन्हीं का फायदा है और वक्फ के पास कितनी भूमि है और जो साढे आठ लाख एकड़ आंकी जा रही है और इस पर काम चल रहा है और सरकार को भी इस पर ठोस कदम उठाना चाहिए।