अर्पित फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित अभिनंदन समारोह में शामिल हुए सीएम धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अर्पित फाउंडेशन समारोह में योजनाओं और नारी सशक्तिकरण पर चर्चा की
Uttarakhand Chief Minister,

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरूवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह सम्मान उनका व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता के सहयोग और समर्थन का प्रतीक है, जिन्होंने हर ऐतिहासिक निर्णय में सरकार का साथ दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले नकल और पेपर लीक जैसी समस्याओं से युवाओं के सपने टूटते थे, राज्य में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद पारदर्शिता से परीक्षाएं हो रही हैं और पिछले साढ़े तीन वर्षों में 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं को सशक्त करने के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं। संसद में एक तिहाही आरक्षण, उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी योजना जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी दिशा में उत्तराखंड सरकार ने भी मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, महालक्ष्मी योजना, वात्सल्य योजना, आंचल अमृत योजना और पोषण अभियान जैसे कई प्रभावी कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पहला राज्य है जहाँ समान नागरिक संहिता को लागू किया गया है, जिससे समाज में समरसता और महिलाओं को समान अधिकार मिले हैं। लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य कर महिलाओं और बच्चों को कानूनी संरक्षण देने का कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में धर्मांतरण, लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। दंगा रोधी कानून और सख्त भू-कानून लागू कर राज्य को सुरक्षित और संरक्षित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। ये सभी निर्णय उत्तराखंड को एक आदर्श और सुरक्षित राज्य बनाने की दिशा में मजबूत नींव हैं। राज्य सरकार प्रदेश को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द मुनी महाराज, स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी, स्वामी कृष्ण गिरी, स्वामी भरत गिरी, वरिष्ठ भाजपा नेता श्याम जाजू, विधायक दुर्गेश्वर लाल, अर्पित फाउण्डेशन की अध्यक्ष हनी पाठक और सामाजिक और सैनिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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