अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा जनमानस के लिए शुरू करेगा सदस्यता अभियान

ब्राह्मण महासभा सदस्यता अभियान के साथ स्वास्थ्य, योग व वृक्षारोपण शिविर भी करेगी आयोजित।
Brahman Mahasabha membership drive

देहरादून: अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट मनमोहन शर्मा ने कहा है कि शस्त्र के साथ शास्त्र वेशभूषा एवं जन मानस के लिए सदस्यता अभियान शीघ्र ही शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर कार्यकारिणी का विस्तार किया गया है। यहां परेड ग्राउंड स्थित एक रेस्टोरेंट में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इसके साथ ही साथ वृक्षारोपण एवं वितरण, योग शिविर, स्वास्थ्य शिविर, सदस्यता अभियान कर जनमानस के लिये क्रमवार कार्य आगामी समय में जल्द किये जायेंगे और महासभा की प्रगति के लिए कार्यकारिणी का विस्तार भी करते रहेंगें। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में महानगर देहरादून ,जिले, शहरों, में आज कार्यकारिणी का विस्तार किया गया है और जिला हरिद्वार में संरक्षक महेश तुंबडिया, नितिन गौतम,अशोक शर्मा, अध्यक्ष पंडित अनुज कुमार शर्मा अधिवक्ता, महिला अध्यक्ष  रुचि बगवाड़ी अधिवक्ता, कार्यकारी अध्यक्ष राजीव तुंबडिया, जिला देहरादून महिला युवा अध्यक्ष दीप्ति भट्ट अधिवक्ता को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार से महानगर देहरादून की कार्यकारिणी का विस्तार किया गया है जिसमें संरक्षक पंडित धीरज शर्मा, पंडित एस के शर्मा, पंडित वी के शर्मा, अध्यक्ष पीयूष गौड, उपाध्यक्ष पंडित वेद प्रकाश मिश्रा, पंडित रामपाल शर्मा ,पंडित चंद्रशेखर पंत,पंडित मनमोहन भट्ट, सुधाकर मिश्रा, महासचिव पंडित वैष्णव, सलाहाकर विभूति जुयाल, संगठन सचिव सुभाष सारस्वत, सचिव पंडित आकाश शर्मा, गौरव कौशिक, पंडित सुधाकर, राकेश शर्मा, जुगल किशोर पंत, कार्यालय इंचार्ज मनोज धस्माना ,रामजी लाल, मीडिया इंचार्ज आयुष गौड, पुनीत शर्मा, सह मीडिया इंचार्ज आशीष गौड व मनीष शर्मा, प्रचार सचिव  बिशम्भर दत बौठियाल, सीमा गौड, प्रियांशी गौड, शिवानी गौड को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार से विधि सलाहकार एन डी बहुगुणा, सुदर्शन शर्मा, रुड़की शहर अध्यक्ष अभिषेक, आशु शर्मा, डोईवाला अध्यक्ष परशुराम जोशी, विकास नगर अध्यक्ष मेघ श्याम शर्मा को नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि महासभा द्वारा पूर्व में चिरंजीव भगवान परशुराम  के जन्मोत्सव पर गर्मी के प्रकोप को देखते हुए मुख्य चैराहों पर पानी की टंकियां को स्थापित किया गया था। 

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