सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कतर की शूरा काउंसिल से मुलाकात की, पाक प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ समर्थन मांगा

कतर में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद पर भारत की नीति रखी
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कतर की शूरा काउंसिल से मुलाकात की, पाक प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ समर्थन मांगा

दोहा: रविवार को भारत के सभी प्रमुख दलों के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल कतर की राजधानी दोहा पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने किया। उन्होंने कतर की शूरा काउंसिल से मुलाकात की, जिसमें पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का मजबूत और एकीकृत संदेश दिया गया और परिषद को ऑपरेशन सिंदूर के महत्व के बारे में भी जानकारी दी गई।

इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के राजीव प्रताप रूडी, अनुराग ठाकुर और वी. मुरलीधरन, कांग्रेस के मनीष तिवारी और आनंद शर्मा, तेलगु देशम पार्टी के श्री कृष्ण देवरायलु, आम आदमी पार्टी के विक्रमजीत सिंह साहनी और पूर्व राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन शामिल थे।

यह दल कतर के बाद दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र की यात्रा भी करेगा। इस पूरी यात्रा का उद्देश्य भारत की विदेश नीति को मजबूती देना और आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत करना है।

अपनी मुलाकातों के हिस्से के रूप में, प्रतिनिधिमंडल ने कतर के विधायी निकाय को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी, जो कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की ओर से की गई एक सटीक सैन्य कार्रवाई थी। उन्होंने दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।

इससे पहले दिन में प्रतिनिधिमंडल ने दोहा स्थित भारतीय दूतावास परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बापू के शांति और सहिष्णुता के सिद्धांतों को नमन करते हुए उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।”

भारत के क़तर में राजदूत विपुल ने बताया कि यह दौरा भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कतर भारत का एक बड़ा और अहम साझेदार है। इस साल फरवरी में कतर के अमीर ने भारत का राजकीय दौरा किया था और उसी समय दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा, “22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद भारत और कतर के शीर्ष नेताओं के बीच कई अहम बातचीत हुई हैं। 6 मई को प्रधानमंत्री ने कतर के अमीर से चर्चा की। 7 मई को हमारे विदेश मंत्री ने यहां प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से चर्चा की। इसलिए अब, उसी क्रम में हमारा पूरा रुख यह है कि हम आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखते हैं, और हम किसी भी रूप या अभिव्यक्ति में आतंकवाद, सीमा पार आतंकवाद की अनुमति नहीं देंगे।"

प्रतिनिधिमंडल कतर के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय सभा के सदस्यों, प्रमुख थिंक टैंक और मीडिया संस्थानों से भी मुलाक़ात करेगा। भारत का लक्ष्य अपने आतंकवाद विरोधी रुख के बारे में अंतरराष्ट्रीय आम सहमति बनाना और ऑपरेशन सिंदूर के तहत अपने हालिया सैन्य और कूटनीतिक कदमों के लिए वैश्विक समर्थन को मजबूत करना है।

 

 

 

 

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