नीमच: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत शहरी क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं की आजीविका को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के नीमच जिले में सहेली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ अपनी आजीविका को मजबूत करने का एक अनूठा प्रयास शुरू किया है। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज 5 जून को नीमच नगर पालिका परिषद द्वारा भारत सरकार की पहल "वूमन फॉर ट्री" अभियान की शुरुआत की गई। यह अभियान 5 जून से 31 अगस्त तक चलेगा, जिसमें एनयूएलएम से पंजीकृत स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।
नीमच के अमृत गार्डन में आज सुबह 8 बजे आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में विधायक दिलीप सिंह परिहार, नगर पालिका अध्यक्ष स्वाति गौरव चोपड़ा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी जमनालाल पाटीदार, नपा सभापतिगण, पार्षदगण, पर्यावरण मित्र, सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस अभियान की नोडल प्रभारी अभिलाषा चौरसिया ने कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, पर्यावरण प्रेमियों और महिला समूहों का स्वागत किया।
नगर पालिका अध्यक्ष स्वाति गौरव चोपड़ा ने बताया कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण की दृष्टि को साकार करता है। साल 2014 से प्रधानमंत्री मोदी विकास कार्यों के साथ-साथ हमारी विरासत को बचाने का कार्य कर रहे हैं, जिसमें पर्यावरण भी शामिल है। 'वूमन फॉर ट्री' अभियान के तहत नीमच में 5 जून से 31 अगस्त तक व्यापक स्तर पर पौधारोपण किया जाएगा। इसमें स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देंगी, बल्कि फलदार वृक्षों की देखभाल कर अपनी आजीविका भी बढ़ाएंगी।"
उन्होंने आगे कहा कि इस अभियान के तहत अमृत गार्डन में आम, अमरूद, जामुन, नींबू, आंवला, बेल और सरजना जैसे फलदार और औषधीय पौधे लगाए गए। इन पौधों की देखभाल स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं करेंगी और फल उत्पादन होने पर उन्हें बेचकर आय अर्जित करेंगी। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का एक अनूठा मॉडल है।
सहेली स्वयं सहायता समूह की सदस्य माया कैथवास ने बताया, "हम एनयूएलएम के तहत नगर पालिका से जुड़े हैं। आज विश्व पर्यावरण दिवस पर हमने अमृत गार्डन में फलदार, छायादार और औषधीय पौधे लगाए हैं। हम इन पौधों की दो साल तक देखभाल करेंगे और इनके फल बेचकर अपनी आय बढ़ाएंगे। जिससे हम लोगों के आर्थिक विकास में बढ़ोतरी होगी।"