नई दिल्ली: अमेरिका आतंकवाद को खत्म करने का राग अलापता है। और खुद ही इनके समर्थकों को आधुनिक हथियार बेचकर उन्हे मजबूत बनाता है। अब डोनाल्ड ट्रंप की सरकार आतंकवादियों के समर्थक उसी तुर्की को आधुनिक मिसाइल की खेप बेचने जा रहा है। खतरनाक बात यह है कि साल 2019 के सैन्य टकराव में पाकिस्तान ने इसी मिसाइल का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया था। ट्रंप सरकार के इस कदम से नई दिल्ली की चिंताएं बढ़ गई हैं।
जानकारी के अनुसार, अमेरिका की ट्रंप सरकार ने तुर्की के साथ अमराम मिसाइल बेचने की डील की है। यह डिफेंस डील 225 मिलियन डॉलर (19,26,01,46,250 रुपये) की है, जिसके तहत वॉशिंगटन की ओर से तुर्की को एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर टू एयर मिसाइल मुहैया कराई जाएगी। इसके साथ ही डील मे सपोर्टिंग इक्विपमेंट एक्सपोर्ट करने का भी उल्लेख है। यह मिसाइल तुर्की के जरिये पाकिस्तान भी हासिल कर रहा है। भारत के खिलाफ इस मिसाइल का इस्तेमाल भी किया जा चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने साल 2019 में पाकिस्तान द्वारा एफ-16 फाइटर जेट और मिसाइल का यूज करने के सबूत अमेरिका को दिए थे। पाकिस्तानी एयरफोर्स ने इसके जरिये इंडियन मिलिट्री बेस को टारगेट करने का विफल प्रयास किया था। इसके बावजूद ट्रंप सरकार ने तुर्की को यह मिसाइल बेचने की डील की है।
ट्रंप सरकार ने तुर्की के राष्ट्रपति रिसप तैय्यप एर्दोगन की मांग को मानते हुए मिसाइल डील की है। अब यहां चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान के पास एफ-16 फाइटर जेट छोड़ कर कोई ऐसा लड़ाकू विमान नहीं है, जिसके जरिये अमराम मिसाइल को दागा जा सके। यह एयर टू एयर मिसाइल है, जो विजुअल रेंज से बाहर होता है, ऐसे में इस पकड़ पाना काफी मुश्किल होता है। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और वहां मौजूद आतंकी संगठनों को ऐसा जख्म दिया है, जिन्हें वे आसानी से भुला नहीं पाएंगे। आतंकियों के आका पाकिस्तान ने भी भारत पर हमले की कोशिश की थी, जिसे देश के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया था। इस दौरान तुर्की, चीन और अजरबैजान आतंकवादियों का साथ देते हुए पाकिस्तान के साथ खड़े हो गए। तुर्की और चीन ने तो पाकिस्तान को ड्रोन, मिसाइल, फाइटर जेट और अन्य हथियार तक मुहैया कराए। पाकिस्तानी सेना ने तुर्की के ड्रोन से भारत पर अटैक भी किया।भारत ने तुर्की की इस करतूत को पूरी दुनिया के सामने सबूत के साथ पेश किया।