पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्किये का गाजियाबाद के फल व्यापारियों ने किया बहिष्कार

तुर्किये के पाकिस्तान समर्थन पर गाजियाबाद व्यापारियों ने सेब आयात रोककर जताया विरोध।
पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्किये का गाजियाबाद के फल व्यापारियों ने किया बहिष्कार

गाजियाबाद: भारत-पाकिस्तान संघर्ष में तुर्किये ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। इस वजह से भारत में तुर्किये के खिलाफ काफी आक्रोश है। गाजियाबाद के फल व्यापारियों ने तुर्किये का बहिष्कारकरने का फैसला लिया है।

दरअसल, पाकिस्तान का साथ देना तुर्किये को भारी पड़ने वाला है और इसकी शुरुआत हो चुकी है। गाजियाबाद के साहिबाबाद सब्जी मंडी में बुधवार को तुर्किये से आने वाले सेबों का आयात बंद करने का फैसला लिया गया। गाजियाबाद के व्यापारियों द्वारा उठाए गए इस कदम से तुर्किये को करोड़ों रुपए का नुकसान होना तय है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सेब के सीजन में तुर्किये से करीब 1,000 से 1,200 करोड़ रुपए का आयात किया जाता है। इसे अब बंद करने का फैसला किया गया है। तुर्किये की जगह अब दूसरे स्थानों से फल मंगाए जा रहे हैं। तुर्किये से आए सेब स्थानीय बाजारों से गायब हो गए हैं।

पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में तुर्किये ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था। तुर्किये ने पाकिस्तान को अपने ड्रोन भी उपलब्ध कराए थे। इस घटना के बाद भारत के हर वर्ग में तुर्किये के प्रति रोष है और खुलकर विरोध हो रहा है। वहीं, इसमें व्यापारी समूह भी शामिल हो गया है।

व्यापारियों का कहना है कि यह केवल एक आर्थिक निर्णय नहीं है, बल्कि सशस्त्र बलों और सरकार को अपना पूरा समर्थन देने के लिए भी है, जो भी देश पाकिस्तान का समर्थन करेगा, हम वहां से आयात और निर्यात दोनों बंद कर देंगे और हम पूरी तरीके से भारत सरकार और भारतीय सेना के साथ हैं।

हाल में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्किये ने यूक्रेन और रूस के बीच लंबे समय से जारी युद्ध को अपनी मध्यस्थता में समाप्त करने की पेशकश की थी। लेकिन, जब भारत-पाकिस्तान के बीच पाकिस्तान की वजह से युद्ध की स्थिति बनी, उस समय तुर्किये ने दोनों पक्षों में शांति की अपील की जगह पाकिस्तान का साथ दिया था।

तुर्किये ने पाकिस्तान को ड्रोन उपलब्ध कराए थे। इससे तुर्किये का दोहरा चरित्र सामने आया है। फरवरी 2023 में तुर्किये में भयंकर भूकंप आया था। उस समय भारत उन पहले देशों में था, जिसने मदद का हाथ तुर्किये की तरफ बढ़ाया था। इसके बावजूद तुर्किये भारत के विरुद्ध कार्य कर रहा है।

--आईएएनएस

 

 

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