पाकिस्तान के लिए आतंकवादी उसकी राष्ट्रीय संपत्ति और आतंकवादियों का उत्पादन राष्ट्रीय उद्योग : मुख्तार अब्बास नकवी

नकवी बोले— आतंकवादी पाकिस्तान की राष्ट्रीय संपत्ति, अब चाहिए वैश्विक निर्णायक संग्राम
पाकिस्तान के लिए आतंकवादी उसकी राष्ट्रीय संपत्ति और आतंकवादियों का उत्पादन राष्ट्रीय उद्योग : मुख्तार अब्बास नकवी

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादियों को 'राष्ट्रीय संपत्ति' का दर्जा प्राप्त है।

नकवी ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पाकिस्तान के लिए आतंकवादी उसकी राष्ट्रीय सम्पत्ति हैं और आतंकवादियों का उत्पादन उसका राष्ट्रीय उद्योग बन गया है। ऐसे में आतंकवादियों और उनके संरक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई विश्व शांति और मानवता के लिए अनिवार्य है।

उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने और उन्हें संरक्षण प्रदान करने का आरोप लगाया। नकवी ने कहा कि जिन आतंकवादियों को पाकिस्तान ने पाला-पोसा, वे आज मानवता के सबसे बड़े दुश्मन बन चुके हैं और उनके संरक्षक भी उतने ही जिम्मेदार हैं।

नकवी ने इस्लाम का नाम लेकर मानवता पर हमला करने वालों को भी आड़े हाथों लिया। नकवी ने कहा, "जो लोग इस्लाम को ढाल बनाकर इंसानियत को लहूलुहान करते हैं, वे न केवल इंसानियत के, बल्कि इस्लाम के भी दुश्मन हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी तरह की नरमी बरतना स्वीकार्य नहीं है। मैं वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक लड़ाई लड़ने की अपील करता हूं।"

नकवी ने मानवीय त्रासदी का जिक्र करते हुए कहा, "जिन जालिमों ने हमारी बहनों का सुहाग उजाड़ा, जिन्होंने निर्दोष लोगों की जिंदगियां छीनीं, उनकी सल्तनत अब जड़ से उखड़ रही है। आज पूरा विश्व एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रहा है। आर्थिक कंगाली के बावजूद यदि कोई देश आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, तो यह उसकी मंशा को स्पष्ट करता है। भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है और वैश्विक समुदाय भी इस लड़ाई में भारत के साथ है। यह याचना का समय नहीं है, यह संग्राम का समय है। आतंकवाद और उसके आकाओं के खिलाफ महा भीषण जंग छेड़नी होगी। आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई तब तक जारी रहनी चाहिए, जब तक इसकी जड़ें पूरी तरह से खत्म न हो जाएं।"

--आईएएनएस

 

 

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