नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में कार्रवाई करते हुए तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। ये अपराधी राजस्थान और हरियाणा के उन इलाकों से अपनी गतिविधियां चला रहे थे, जिन्हें 'साइबर अपराध हॉटस्पॉट' कहा जाता है।
ये गिरफ्तारियां दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को निशाना बनाकर किए जा रहे घोटालों के संबंध में की गई हैं, जिनमें ऑनलाइन निवेश के नाम पर धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट जैसी नई तरकीबें शामिल हैं।
अधिकारियों के अनुसार, दो आरोपी राजस्थान से हैं और एक हरियाणा से है। आरोपियों को राजस्थान के टोंक, सीकर और जयपुर से पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार, ये इलाके साइबर धोखाधड़ी के नेटवर्क के लिए तेजी से सक्रिय अड्डे बनते जा रहे हैं।
दरअसल, दिल्ली के द्वारका जिले के साइबर पुलिस स्टेशन ने साइबर अपराध की शिकायतों के बाद विशेष अभियान शुरू किया। पुलिस ने डिजिटल सुराग विश्लेषण के बाद तीन अलग-अलग मामलों में राजस्थान के दूरदराज इलाकों से संबंध पाए जाने पर वहां टीमें तैनात कीं।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि प्रारंभिक जांच में राजस्थान के नए और उभरते साइबर अपराध क्षेत्रों की ओर ध्यान गया। धोखाधडी करने वालों के खिलाफ प्रभावी और लक्षित कार्रवाई के लिए, हमारी टीम ने टोंक, सीकर, जयपुर और सिरसा में विस्तृत अभियान चलाया।
गिरफ्तार किए गए तीन व्यक्तियों की पहचान टोंक निवासी दीपक, सीकर निवासी सुरेंद्र कुमार डूडी और सिरसा निवासी राजवीर के रूप में हुई।
पुलिस ने रविवार को बताया कि 2 जुलाई को दीपक और सुरेंद्र कुमार डूडी को पकड़ा गया। दीपक निवेश के नाम पर ठगी करता था और साइबर अपराध के लिए नकली बैंक खाते व सिम कार्ड देता था। सुरेंद्र कुमार डूडी डिजिटल अरेस्ट से मिले पैसे लेता था। इसके अलावा, 30 जून को राजवीर को पकड़ा गया, जो निवेश की ठगी से मिले पैसे का हिस्सा लेता था।
तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और साइबर अपराधी नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए आगे की जांच जारी है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि इसी तरह के कई मामलों की जांच अभी भी चल रही है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।