Bihar Elections 2025: चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए पटना में होगी महागठबंधन की बैठक

तेजस्वी यादव के घर चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने महागठबंधन की बैठक
बिहार: चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए पटना में होगी महागठबंधन की बैठक

पटना:  बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है। इसी कड़ी में महागठबंधन की एक अहम बैठक शनिवार को बुलाई गई है। यह बैठक राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर होगी। बैठक में कांग्रेस समेत महागठबंधन के सभी घटक दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।

जानकारी के मुताबिक, बैठक का मुख्य एजेंडा आगामी चुनावों में सत्तारूढ़ एनडीए का मुकाबला करने के लिए गठबंधन की रणनीति को अंतिम रूप देना है।

बताया जाता है कि महागठबंधन के भीतर गठित सभी समितियों ने एनडीए के घटक दलों के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए प्रस्ताव तैयार किए हैं, जिन्हें बैठक के दौरान तेजस्वी यादव और अन्य शीर्ष नेताओं के सामने मीटिंग में रखा जाएगा। महागठबंधन का उद्देश्य है कि एकजुट होकर आक्रामक चुनावी अभियान चलाया जाए, जिससे भाजपा नेतृत्व वाले राजग को कड़ी चुनौती दी जा सके।

यह बैठक पिछले दिनों महागठबंधन की राजनीतिक लामबंदी के बाद हो रही है। 9 जुलाई को महागठबंधन की ओर से राज्यव्यापी बंद और विरोध मार्च का आयोजन किया गया था। यह विरोध चुनाव आयोग की 'विशेष सघन पुनरीक्षण' (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ था।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। उन्होंने भाजपा सरकार पर विपक्षी समर्थकों के नाम मतदाता सूची से चुनिंदा रूप से हटाने के लिए एसआईआर प्रक्रिया में हेराफेरी करने का आरोप लगाया। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

कांग्रेस सचिव शहनवाज आलम के अनुसार, पार्टी ने हर विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर पर एजेंट (बीएलए) तैनात किए हैं और अपने जमीनी स्तर के आउटरीच कार्यक्रमों को एसआईआर जागरूकता अभियान के साथ जोड़ रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को 'माई बहिन मान योजना' के तहत प्रतिदिन 400 घरों का दौरा करने और साथ ही लोगों को एसआईआर के बारे में शिक्षित करने और उन्हें फॉर्म भरने में मदद करने का काम सौंपा गया है।

इस बीच, बिहार में चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन विशेष रूप से ओबीसी, दलित और आदिवासी वोटरों को साधने की कोशिश कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया के जरिए केंद्र सरकार वंचित समुदायों के मताधिकार को समाप्त करने की साजिश कर रही है।

 

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