नई दिल्ली: हाल ही में एयर कंडिशन (एसी) फटने की घटना ने लोगों को हिलाकर रख दिया। अचानक एसी में जोरदार धमाका हुआ, धुएं का गुबार उठा और आग की लपटें फैलने लगीं। ऐसी घटनाएं न सिर्फ जान-माल का नुकसान पहुंचा सकती हैं, बल्कि लोगों को गहरी दहशत में भी डाल देती हैं।
एसी तकनीशियन जो पिछले 8 से 9 वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि ऐसे हादसे कई बार सिर्फ लापरवाही की वजह से होते हैं। उन्होंने समझाया कि एक आम कारण यह होता है जब एसी में गैस लीकेज जांचने के लिए नाइट्रोजन या प्रेशर डाला जाता है और बाद में इसे बिना पूरी जांच के ऐसे ही छोड़ दिया जाता है। फिर जब कोई दूसरा मिस्त्री बिना जानकारी के एसी को चालू करता है, तो वह विस्फोट की वजह बन सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी एसी में जब तक गैस लीकेज की पुष्टि न हो, तब तक गैस नहीं भरवानी चाहिए। साथ ही प्रेशर डालने से पहले पूरी तरह जांच होनी चाहिए। सबसे जरूरी बात यह है कि गर्मी के सीजन में एसी की कम से कम दो बार सर्विसिंग जरूर करवाई जानी चाहिए ताकि किसी तकनीकी खामी को समय रहते सुधारा जा सके।
इसके अलावा एसी को हमेशा ऐसी जगह लगाया जाना चाहिए जहां वेंटिलेशन की पर्याप्त सुविधा हो। विशेषज्ञों के अनुसार, एसी को लगाते समय कम से कम 5 से 7 फुट की खुली जगह होनी चाहिए ताकि गर्म हवा आसानी से बाहर निकल सके। यदि वेंटिलेशन ठीक नहीं होता तो एसी पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे इसके फटने का जोखिम बढ़ जाता है। इन हादसों से बचने के लिए थोड़ी सी सावधानी और समय पर रखरखाव ही सबसे बड़ा उपाय है।