डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट कैंपेन ने पेंशन वितरण में लाई क्रांति: जितेंद्र सिंह

चेहरा पहचान तकनीक से बुजुर्गों को पेंशन में मिली बड़ी राहत
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट कैंपेन ने पेंशन वितरण में लाई क्रांति: जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली: डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट कैंपेन ने पेंशन वितरण में क्रांति लाने का का काम किया है। केंद्रीय साइंस एंड टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने यह बयान दिया।

सिंह ने कहा कि इस कैंपेन में बुजुर्गों के लिए पेंशन प्राप्त करने को आसान बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया। साथ ही, इस प्रक्रिया में बाधा बन रहे कई पुराने नियमों को भी समाप्त कर दिया गया।

पेंशन प्रक्रिया के आसान बनने से करोड़ों पेंशनधारकों को फायदा मिला है।

सिंह ने बताया, "डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट कैंपेन ने बुजुर्ग पेंशनभोगियों को चेहरा पहचानने वाली तकनीक का उपयोग करके अपनी पहचान सत्यापित करने में सक्षम बनाकर पेंशन वितरण में क्रांति ला दी है, जिससे बैंक शाखाओं में फिजीकल रूप से जाने की आवश्यकता समाप्त हो गई है।"

उन्होंने आगे कहा, "प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जिसमें सिंगल पेंशन फॉर्म, यूनिफाइड फेलोशिप एप्लीकेशन पोर्टल की शुरुआत और 1,600 से अधिक पुराने नियमों को समाप्त करना शामिल है।"

मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में आईएएस प्रशिक्षुओं और सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए सिंह ने सार्वजनिक सेवा वितरण में पारदर्शिता, पहुंच और दक्षता बढ़ाने के लिए शुरू किए गए कई महत्वपूर्ण सुधारों को बताया।

उन्होंने कहा कि समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए सरकारी भर्ती परीक्षाएं अब 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जाती हैं। केंद्रीय मंत्री ने संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में इसे विस्तारित करने की योजना के बारे में भी बताया।

समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए ग्रुप बी और सी के कुछ पदों के लिए साक्षात्कार समाप्त कर दिए गए हैं, जिससे योग्यता आधारित चयन को बढ़ावा मिलेगा।

इसके अलावा, बड़े पैमाने पर रोजगार मेले युवाओं के बीच नौकरी के अवसर प्रदान करने और आकांक्षाओं को बढ़ाने के लिए शुरू किए गए हैं।

--आईएएनएस

 

 

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