नोएडा : व्यापारियों के संगठन ने पहलगाम हमले पर शोक व्यक्त किया, तुर्की और अजरबैजान से संबंध तोड़ने का संकल्प

नोएडा उद्यमियों ने तुर्की-अजरबैजान के खिलाफ व्यापार बहिष्कार की शपथ ली।
नोएडा : व्यापारियों के संगठन ने पहलगाम हमले पर शोक व्यक्त किया, तुर्की और अजरबैजान से संबंध तोड़ने का संकल्प

नोएडा: उत्तर प्रदेश के प्रमुख व्यापारिक संगठन 'नोएडा आंत्रप्रेन्योर्स एसोसिएशन' (एनईए) की एग्जीक्यूटिव कमेटी की शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें संगठन के सभी प्रमुख पदाधिकारी और उद्यमी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

बैठक की शुरुआत पहलगाम में आतंकियों द्वारा निर्दोष पर्यटकों की हत्या पर शोक व्यक्त करते हुए की गई। सभी सदस्यों ने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

एनईए अध्यक्ष विपिन मल्हन ने केंद्र सरकार द्वारा आतंक के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की सराहना की और पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के लिए एक सशक्त संदेश है।

मल्हन ने इस अवसर पर तुर्की और अजरबैजान के प्रति गहरा आक्रोश व्यक्त किया, जिन्होंने इस ऑपरेशन के समय पाकिस्तान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जब तुर्की में भूकंप आया था, तब सबसे पहले राहत सामग्री भारत ने भेजी थी। इसके बावजूद तुर्की का आतंकवाद समर्थक रुख अत्यंत निंदनीय है।

उन्होंने दोनों देशों को "आतंकवाद का पोषक" करार देते हुए उपस्थित उद्यमियों को शपथ दिलाई कि वे तुर्की और अजरबैजान से तत्काल प्रभाव से अपने व्यापारिक संबंध समाप्त करेंगे, इन देशों के किसी भी पर्यटन अभियान को समर्थन नहीं देंगे और भविष्य में इन देशों की यात्रा भी नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि सभी उद्यमी अपनी वसीयत में यह लिखेंगे कि यदि उनकी संतान इन देशों से कोई संबंध रखती है या वहां यात्रा करती है, तो उन्हें पारिवारिक संपत्ति और अन्य अधिकारों से वंचित माना जाएगा।

बैठक में एनईए के महासचिव वी.के. सेठ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मवीर शर्मा, हरीश जुनेजा, मुकेश कक्कड़, उपाध्यक्ष सुधीर श्रीवास्तव, मोहम्मद इरशाद, राजेंद्र जिंदल, कोषाध्यक्ष शरद जैन, संदीप बिरमानी, राजन खुराना, राहुल नैय्यर, आलोक गुप्ता, मयंक गुप्ता, अजय सरीन, मोहम्मद आज़ाद, नीरू शर्मा, योगेश आनंद, अजय अग्रवाल और टोनी समेत कई प्रमुख उद्यमी उपस्थित रहे।

व्यापारिक दृष्टिकोण से यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि तुर्की से आयात होने वाले प्रमुख उत्पादों में खनिज ईंधन, परमाणु रिएक्टर के पुर्जे, रसायन, नमक, कीमती पत्थर और पशु उत्पाद शामिल हैं। भारत तुर्की को मुख्य रूप से खनिज तेल, ऑटो पार्ट्स, दवाएं, कपड़ा और स्टील जैसे उत्पादों का निर्यात करता है।

--आईएएनएस

 

 

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