नई दिल्ली: श्रीलंका के एक छोटे से शहर, निट्टंबुवा में 22 जुलाई 1982 को जन्मे नुवान कुलशेखरा ने 21 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय मैच में डेब्यू किया। दुबले-पतले नुवान कुलेशखरा ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में 9 ओवर गेंदबाजी की, जिसमें महज 19 रन देकर 2 शिकार किए।
नुवान कुलशेखरा अपने डेब्यू वनडे मैच में ही छाप छोड़ चुके थे, लेकिन टेस्ट फॉर्मेट के लिए उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़ गया। नुवान ने अप्रैल 2005 में पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेला। साल 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 133 गेंदों में 63 रन की पारी खेली। यह मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
अप्रैल 2008 से 12 महीनों के भीतर 29 मैचों में 20.97 की औसत से 47 विकेट लिए, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 28 और इकॉनमी रेट 4.45 रहा। लंबे रन-अप के साथ गेंदबाजी करने वाले कुलशेखरा गेंद को स्विंग कराने में उस्ताद थे। साल 2009 में वह गेंदबाजों की रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंच गए।
चामिंडा वास के संन्यास के बाद कुलशेखरा को वनडे फॉर्मेट में भरपूर मौका मिला। इस बीच लसिथ मलिंगा का प्रदर्शन भी खराब था। ऐसे में कुलशेखरा टीम के अहम गेंदबाज बन गए।
कुलशेखरा साल 2009 की प्रतिष्ठित आईसीसी विश्व वनडे टीम में शामिल हुए।
कुलशेखरा ने वनडे वर्ल्ड कप-2011 के फाइनल में महेला जयवर्धने के साथ 66 रन की साझेदारी करते हुए टीम को 274 के स्कोर तक पहुंचाया, लेकिन टीम को खिताब जीतने का मौका नहीं मिला।
इसी साल चेन्नई सुपर किंग्स ने कुलशेखरा को 6.5 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा। इसके बाद कुलशेखरा ने चैंपियंस ट्रॉफी-2013 में अपनी चमक बिखेरी, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ-साथ नुवान कुलशेखरा की गति अब पहले जैसी नहीं रही थी।
वहीं, साल 2016 में उनकी कार से एक शख्स की मौत हो गई, जिसके बाद उन्हें कुछ वक्त के लिए पुलिस हिरासत में रहना पड़ा था। हालांकि, बाद में कुलशेखरा को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
इसके बाद कुलशेखरा ने सीमित ओवरों के क्रिकेट में वापसी की, लेकिन साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया।
नुवान कुलशेखरा ने अपने करियर में 21 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 48 विकेट लेने के अलावा 391 रन बनाए। वहीं, 184 वनडे मुकाबलों में उन्होंने 199 विकेट लेने के साथ 1,327 रन भी अपने नाम किए। 58 टी20 मुकाबलों में कुलशेखरा ने 66 विकेट चटकाने के अलावा 215 रन भी जोड़े।