भारत में कोरोना मौतों पर डब्ल्यूएचओ के आंकड़े पूरी तरह से वास्तविकता से परे: स्वास्थ्य मंत्रालय

corona death

नई दिल्ली: कोरोना मौतों के डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आपत्ति जताई है। मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मॉडल, डेटा कलेक्शन, डेटा सोर्स, प्रक्रिया ( मेथोडोलॉजी) पर सवाल है। हम चुप नहीं रहेंगे, सभी ऑफिशियल चैनल का हम इस्तेमाल करेंगे और इस डेटा की आपत्ति को हम एक्जीक्यूटिव बोर्ड में रखेंगे।

केंद्रीय अधिकारी ने कहा, "17 राज्यों के आधार पर डेटा जारी तो 17 राज्यों को किस आधार पर चुना गया? हमें लगातार पूछने पर 4 महीने बाद इन राज्यों के नाम बताए गए। कब तक या किस वक्त तक का डेटा डब्ल्यूएचओ ने लिया, जानकारी नहीं दी।" नवंबर से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने डब्ल्यूएचओ को इस संबंध में 10 चिट्ठियां लिखीं पर डब्ल्यूएचओ ने किसी का जवाब किसी नहीं दिया। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस के भारत दौरे पर इस तरह के डाटा को लेकर सवाल उठाया गया था।" उन्होंने कहा, "हमारी टेक्निकल टीम इसको देख रही है।" मौत के ये आंकड़े राज्यों की वेबसाइट, अखबारों में आरटीआई के हवाले से छपी खबरें और टेलीफोनिक सर्वे के ज़रिए लिया गया है। ऑफिशियल डेटा हमसे क्यों नहीं लिया गया?"

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा, "महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, असम, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़ बिहार, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और यूपी के आधार पर डब्ल्यूएचओ ने मौत के आकड़ें दिए हैं । हमने 2020 का डेटा दिया। 2021 का डेटा आने वाला है तो हम देंगे। हमारा डेटा बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया से आता है, जो आने वाला है औऱ आते ही हम इसे साझा करते हैं। हमें tier 2 में क्यों रखा गया? जबकि छोटे छोटे देश जहां आंकड़ा सम्मिलित करने का सही मैकेनिज्म नहीं वो tier 1 में कैसे?"

सरकार ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ  का ये डेटा पूरी तरह से वास्तविकता से परे है। उनका डेटा संकलन न तो किसी सांख्यिकी मॉडल और न ही किसी वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है। 

ज्ञात रहे कि डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 के बीच भारत में कोरोना से 47 लाख मौतें होने का दावा किया है और इसे दुनिया में मौतों के कुल आंकड़े का एख तिहाई बताया है। रिपोर्ट में कोरोना से दुनिया भर में 1।5 करोड़ मौतें होने का दावा किया गया है, जबकि आधिकारिक आंकड़ा करीब 60 लाख का है।  

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