हार्वर्ड: क्या आप जानते है कि पुश-अप्स से हार्ट अटैक का खतरा घटता है। जी हॉ हाल ही में हुए एक अध्ययन से यह सामने आया है कि यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से पुश-अप्स करता है तो वह हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों के जोखिम से काफी हद तक बच सकता है। आजकल हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अक्सर खबरों में सुनने को मिलता है कि कोई चलते-चलते या डांस करते समय अचानक गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। अधिकतर मामलों में लोगों को यह पता ही नहीं होता कि उनके दिल में पहले से कोई समस्या मौजूद थी, क्योंकि शुरुआत में इनके लक्षण दिखाई नहीं देते। ऐसे में पुश-अप्स एक प्रभावी तरीका हो सकता है जिससे दिल की सेहत को सुरक्षित रखा जा सकता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया कि यदि 30 से 40 वर्ष की उम्र के बीच नियमित रूप से पुश-अप्स किए जाएं तो इससे दिल की कार्यक्षमता बेहतर होती है और धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमने की संभावना काफी कम हो जाती है। यह अध्ययन हाल ही में एक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। रिसर्च के दौरान अग्निशमन दल के कुछ सदस्यों पर अध्ययन किया गया, जिसमें उनकी पुश-अप्स करने की क्षमता और स्वास्थ्य डाटा का विश्लेषण किया गया। परिणाम में सामने आया कि जो लोग आधे मिनट के भीतर 40 बार पुश-अप्स करने में सक्षम थे, उनमें अगले 10 वर्षों तक हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर जैसी बीमारियों का जोखिम लगभग न के बराबर था। वहीं, जो लोग 30 सेकंड में 10 से कम पुश-अप्स कर पाए, उनमें भविष्य में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा अधिक पाया गया।
पुश-अप्स करते समय पूरे शरीर में हरकत होती है। केवल हथेलियां और पैरों की उंगलियां जमीन से स्पर्श करती हैं, जबकि शरीर हवा में संतुलित रहता है। इस अभ्यास में शरीर की छाती पर विशेष दबाव पड़ता है, जिससे दिल की पंपिंग क्षमता बढ़ जाती है और खून एक साथ अधिक मात्रा में पंप हो पाता है। साथ ही शरीर के सबसे दूर स्थित हिस्सों तक रक्त का संचार भी बेहतर हो जाता है। एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कार्डियोलॉजिस्ट का मानना है कि पुश-अप्स हार्ट के लिए बेहद फायदेमंद व्यायाम है। इससे न केवल हार्ट की सहनशक्ति और पंपिंग क्षमता बढ़ती है, बल्कि ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। इसके अलावा पुश-अप्स बाहों और कूल्हों की मांसपेशियों को भी मजबूत करते हैं, जिससे शरीर की कुल ताकत में इजाफा होता है।