लखनऊ: योगी सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और ओबीसी के युवाओं को सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के लिए अपने प्रयासों को मजबूत किया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र योजना के तहत इन वर्गों के अभ्यर्थियों को उच्चस्तरीय कोचिंग प्रदान की जा रही है, ताकि वे आईएएस, पीसीएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकें।
योगी सरकार की इस योजना के अंतर्गत सिविल सेवा समेत विभिन्न परीक्षाओं में 701 अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के लिए 11.24 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है, जो योगी सरकार की समावेशी विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
योगी सरकार की इस योजना का उद्देश्य न केवल प्रशिक्षण प्रदान करना है, बल्कि अभ्यर्थियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पूरी तरह तैयार करना है। इन केंद्रों में प्रशिक्षण का स्तर अत्यंत उच्च है, जहां विषय विशेषज्ञ आधुनिक शिक्षण तकनीकों और नवीनतम पाठ्यक्रमों के आधार पर अभ्यर्थियों को मार्गदर्शन देते हैं। चाहे वह प्रारंभिक परीक्षा हो, मुख्य परीक्षा हो या साक्षात्कार की तैयारी, इन केंद्रों में हर चरण के लिए व्यापक कोचिंग प्रदान की जाती है। विशेष रूप से, लखनऊ में बालिकाओं के लिए समर्पित केंद्र महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार जोर दिया है कि समाज के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा में शामिल करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं को न केवल शिक्षा और प्रशिक्षण का अवसर मिल रहा है, बल्कि वे देश की प्रशासनिक सेवाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सशक्त हो रहे हैं। इन केंद्रों ने कई युवाओं को आईएएस, पीसीएस और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे सामाजिक समानता और समावेशी विकास को बढ़ावा मिला है।
योगी सरकार की यह पहल न केवल अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, बल्कि उत्तर प्रदेश को प्रशासनिक और सामाजिक नेतृत्व के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। इन प्रशिक्षण केंद्रों से निकले युवा न केवल अपने परिवारों, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। सरकार की योजना सुनिश्चित करती है कि आर्थिक तंगी या सामाजिक बाधाएं किसी की प्रतिभा को रोक न सकें।
समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक पीके त्रिपाठी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 से अब तक इस योजना से 6,784 अभ्यर्थी लाभांवित हुए हैं। इस योजना के अंतर्गत अब तक संघ और राज्य लोक सेवा आयोग में कुल 48 अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है। इसके अलावा अन्य परीक्षाओं में 653 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। यही नहीं, कोविड संक्रमण काल में इसे ऑनलाइन आयोजित किया गया, जिसके फलस्वरूप 81 अभ्यर्थी राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा तथा सहायक वन संरक्षक के रूप में चयनित हुए।
समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में आठ परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जो अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थियों को आधुनिक और परिवर्तित पाठ्यक्रमों के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। ये केंद्र विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में अभ्यर्थियों को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए तैयार करते हैं।
इन केंद्रों में अनुसूचित जाति और जनजाति के उन अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 6 लाख रुपए तक है। यह योजना सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के युवाओं को सशक्त बनाने का एक प्रभावी माध्यम बन रही है।
इन केंद्रों में शामिल हैं :-
श्री छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, भागीदारी भवन, लखनऊ।
आदर्श पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र (बालिका), अलीगंज, लखनऊ।
न्यायिक सेवा पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र, प्रयागराज।
संत रविदास आईएएस, पीसीएस पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र, वाराणसी।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर आईएएस, पीसीएस पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र, अलीगढ़।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर आईएएस, पीसीएस पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र, आगरा।
आईएएस, पीसीएस कोचिंग केंद्र, निजामपुर, हापुड़।
राजकीय आईएएस, पीसीएस कोचिंग केंद्र, गोरखपुर।