लखनऊ: योगी सरकार सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के जिस मॉडल पर काम कर रही है, उसके केंद्र-बिंदु में राज्य के दिव्यांगजन भी हैं। समाज के इस संवेदनशील वर्ग के लिए सरकार न सिर्फ आर्थिक सहायता, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक ‘शादी प्रोत्साहन पुरस्कार योजना’ के अंतर्गत 74,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए हैं ताकि हर पात्र दिव्यांगजन को समय से सहयोग मिल सके।
पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन है कि हर दिव्यांगजन को सम्मान और समान अवसर मिले। शादी अनुदान योजना इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जो दिव्यांग दंपत्तियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाती है। हमने इस वर्ष 74,000 से अधिक आवेदनों को समयबद्ध रूप से निस्तारित करने का लक्ष्य रखा है, ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी इस योजना से वंचित न रहे। डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सहायता सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।
दिव्यांगजनों के लिए योगी सरकार की यह योजना केवल एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि समाज में उनकी गरिमा को पुनः स्थापित करने की ईमानदार कोशिश है। विवाह के अवसर पर मिलने वाला आर्थिक सहयोग न सिर्फ उनके आत्मबल को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें अपने जीवन की नई शुरुआत करने में सशक्त बनाता है। इससे समाज में समावेशिता और सशक्तीकरण की नई मिसाल स्थापित हो रही है।
शादी विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत दिव्यांगजनों को विशेष प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। यदि युवक दिव्यांग है, तो उसे 15,000 रुपए, युवती दिव्यांग है, तो 20,000 रुपए और यदि दोनों दिव्यांग हैं, तो 35,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होती है। बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के लिए 2.64 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया था, जिसमें से 1.92 करोड़ रुपए व्यय कर 819 लाभार्थी दंपत्तियों को सहायता प्रदान की गई।
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करने की सुविधा के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के पात्र दंपत्ति इस योजना का लाभ उठा सकें। विभाग द्वारा 74,000 से अधिक आवेदनों का शीघ्र सत्यापन और निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शी है, बल्कि बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर लाभार्थियों तक सीधा लाभ पहुंचाती है।
योगी सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए कई अन्य योजनाएं भी संचालित की हैं। दिव्यांगजन पेंशन योजना, कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण योजना और दुकान निर्माण/संचालन ऋण योजना जैसी योजनाएं दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता कर रही हैं।
शादी अनुदान योजना इन प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि सामाजिक स्वीकार्यता और गरिमा को भी बढ़ावा देती है। यह योजना दिव्यांग दंपत्तियों को नया जीवन शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करती है और समाज में उनकी भागीदारी को मजबूत करती है।