World Teachers Day 2025 : शिक्षकों के योगदान को वैश्विक सम्मान

विश्व शिक्षक दिवस 2025: सहयोगी शिक्षण और शिक्षकों के सशक्तिकरण पर जोर
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस: शिक्षकों के योगदान को वैश्विक सम्मान

नई दिल्ली: अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस शिक्षकों की अथक मेहनत और समाज निर्माण में उनकी भूमिका को समर्पित है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा 1994 में शुरू किया गया यह दिवस 1966 में यूनेस्को की शिक्षकों की स्थिति पर सिफारिश की वर्षगांठ के रूप में प्रत्येक वर्ष 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

इस सिफारिश ने शिक्षकों के अधिकारों, जिम्मेदारियों, प्रशिक्षण, भर्ती और कार्य स्थितियों के लिए वैश्विक मानक निर्धारित किए। शिक्षक दिवस 2025 की थीम 'शिक्षण को सहयोगी पेशे के रूप में पुनः परिभाषित करना' है। यह थीम शिक्षकों के बीच सहयोग, पेशेवर विकास और कल्याण पर जोर देती है, ताकि वे अपनी प्रतिभा का पूर्ण उपयोग कर सकें।

शिक्षक समाज के आधार स्तंभ हैं, जो न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं बल्कि मूल्यों, नैतिकता और नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं। वैश्विक स्तर पर यह दिवस 100 से अधिक देशों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाता है, जिसमें सम्मेलन, कार्यशालाएं, सोशल मीडिया अभियान और नीति चर्चाएं शामिल हैं। यूनेस्को और शिक्षा इंटरनेशनल जैसे संगठन शिक्षकों की चुनौतियों जैसे कमी, कम वेतन, सीमित विकास अवसरों और अलगाव पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह दिवस शिक्षकों को सशक्त बनाने और शिक्षा को समावेशी बनाने की दिशा में नीतिगत बदलावों को प्रेरित करता है।

भारत में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है, लेकिन अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर भी विभिन्न आयोजन होते हैं। शिक्षा मंत्रालय और राज्य स्तर पर कार्यशालाएं, पुरस्कार वितरण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के तहत नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग (एनएमएम) और व्यावसायिक मानक जैसे प्रयास शिक्षकों को प्रशिक्षित करने पर केंद्रित हैं।

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षक भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करने वाले मार्गदर्शक हैं। बदलती दुनिया में, जहां तकनीकी और सामाजिक परिवर्तन चुनौतियां पेश कर रहे हैं, शिक्षकों का सहयोगी दृष्टिकोण शिक्षा को अधिक प्रभावी बना सकता है। छात्रों, अभिभावकों और नीति निर्माताओं को शिक्षकों के कल्याण और पेशेवर विकास के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। इस दिवस पर वैश्विक एकजुटता से हम एक समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं।

भारतीय संदर्भ में यह दिवस विशेष महत्व रखता है, जहां शिक्षक ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करते हैं। सरकार डिजिटल शिक्षा और निरंतर प्रशिक्षण के माध्यम से सुधार ला रही है। यह दिवस शिक्षकों को सहयोगी मंच प्रदान करने की आवश्यकता पर बल देता है, ताकि वे नवीनतम रुझानों से अपडेट रहें।

 

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