विजयवाड़ा: विनायक चतुर्थी की पूर्व संध्या पर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नया विश्व रिकॉर्ड बना है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव ने पत्रकारों से बातचीत में पूरी जानकारी दी।
उन्होंंने बताया कि 7,400 से अधिक छात्रों और युवाओं ने एक साथ मिट्टी की मूर्तियां बनाकर यह कीर्तिमान स्थापित किया। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल उत्सव में जनभागीदारी बढ़ाना था, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना भी था।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह आयोजन पर्यावरण के प्रति लोगों की सोच को बदलने में कारगर साबित हुआ है। खासकर स्कूली बच्चों और युवाओं में मिट्टी की मूर्तियों के उपयोग को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
उन्होंने बताया कि बढ़ते कैंसर मामलों को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण आज समय की जरूरत है। वायु प्रदूषण, अस्वास्थ्यकर खानपान और मिलावटी खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य समस्याओं के प्रमुख कारण हैं। इस कार्यक्रम के जरिए लोगों को स्वस्थ जीवनशैली और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का संदेश दिया गया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आयोजन न सिर्फ एक विश्व रिकॉर्ड है, बल्कि समाज को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से त्योहार मनाने की प्रेरणा भी देता है। मिट्टी की मूर्तियां बनाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्रियों का उपयोग कम होगा, जिससे नदियों और जलाशयों का प्रदूषण रोका जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि युवाओं और बच्चों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करेगी। इसके अलावा, उन्होंने लोगों से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए छोटे-छोटे कदम उठाएं, जैसे मिट्टी की मूर्तियों का उपयोग और प्लास्टिक से बचाव।
इस आयोजन में शामिल सभी प्रतिभागियों और आयोजकों की सराहना करते हुए उन्होंने इसे सामाजिक जागरूकता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
बता दें कि गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को शुरू होता है और 10 दिनों तक चलता है। भक्त मिट्टी की गणेश मूर्तियों की स्थापना करते हैं, जिनकी विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि और विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है।