Delhi Religious Meeting : दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक, जगतगुरु शंकराचार्य भी होंगे शामिल

दिल्ली में विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की महत्वपूर्ण बैठक शुरू
दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक, जगतगुरु शंकराचार्य भी होंगे शामिल

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की सबसे महत्वपूर्ण नीति-निर्धारक संस्था 'केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल' की दो दिवसीय बैठक 9 दिसंबर से दिल्ली के पश्चिमी क्षेत्र पंजाबी बाग स्थित एक धर्मशाला में प्रारंभ हो रही है। इस बैठक में देश के कोने-कोने से आए शीर्ष संत-महात्मा, चारों पीठों के जगतगुरु शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, अखाड़ों के प्रमुख और हिंदू धर्म के विभिन्न संप्रदायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर बैठक की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक कल यानी 9 दिसंबर से राजधानी दिल्ली के पंजाबी बाग में प्रारंभ होगी। इसमें देश भर के वरिष्ठ और श्रेष्ठ संतों के अलावा जगतगुरु शंकराचार्य जी भी उपस्थित रहेंगे। बैठक में देश की वर्तमान स्थिति और हिंदू समाज के समक्ष चुनौतियों के विषय में पूज्य संत गहन मंथन और विचार विमर्श कर मार्गदर्शन देंगे।

यह बैठक देश की वर्तमान राजनैतिक, सामाजिक और धार्मिक स्थिति पर गहन चिंतन का केंद्र बनेगी। हिंदू समाज आज जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है—चाहे वह धर्मांतरण का बढ़ता खतरा हो, लव जिहाद के मामले हों, मंदिरों-तीर्थों की सुरक्षा का प्रश्न हो या हिंदुत्व की विचारधारा को मजबूत करने की आवश्यकता—इन सभी विषयों पर पूज्य संत गंभीर मंथन करेंगे और संगठन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।

बैठक में विहिप के अध्यक्ष, कार्याध्यक्ष, संगठन महामंत्री सहित सभी केंद्रीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। संतों के मार्गदर्शन में तैयार होने वाला प्रस्ताव आगे चलकर विहिप की भावी कार्ययोजना का आधार बनेगा।

ज्ञात हो कि केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल विहिप का सर्वोच्च संत-परिषद है, जिसकी सिफारिशें संगठन के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। पिछले दशकों में अयोध्या आंदोलन से लेकर रामसेतु रक्षा तक कई बड़े निर्णय इसी मंडल के मार्गदर्शन में हुए थे। बैठक 9 और 10 दिसंबर को चलेगी तथा 10 दिसंबर सायंकाल संतों का आशीर्वचन और प्रेस वार्ता के साथ समापन होगा। हिंदू संगठनों के लिए यह वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है।

--आईएएनएस

 

 

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