नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष चर्चा हो रही है। सोमवार को लोकसभा में चर्चा हुई, जिसमें एक ओर सत्तापक्ष राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सांसदों ने विपक्षी पार्टियों पर बंगाली नेताओं को सम्मान नहीं देने का आरोप लगाया, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर बंगाल चुनाव के मद्देनजर इस विशेष चर्चा कराने की बात कही।
एनडीए नेताओं ने आईएएनएस से बात करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नहीं बोलने की आलोचना की। उन्होंने कहा, "कोई मौजूद था या नहीं, असली बात यह है कि उनके मन में वंदे मातरम के लिए कितनी श्रद्धा है। वे देश के लिए, वंदे मातरम के लिए, राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत के लिए अपना सम्मान कैसे दिखाते हैं, यही उनके असली भावनाओं को दिखाता है।"
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर सदन में एक बहुत ही सार्थक चर्चा करवाई। इसमें करीब 68 लोकसभा सांसदों ने हिस्सा लिया और आजादी की लड़ाई में वंदे मातरम की अहम भूमिका पर बात की।"
असम भाजपा अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद दिलीप सैकिया ने कहा, "वंदे मातरम एक मंत्र है जो हमारी राष्ट्रीय भावना को दिखाता है। लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता को मौजूद रहना चाहिए था। इस महत्वपूर्ण चर्चा में - जो हमारे देश और हमारी आज़ादी के लिए जान कुर्बान करने वाले हजारों लोगों का सम्मान करती है-हमने विपक्ष के नेता की तरफ से सम्मान की कमी देखी।"
वहीं दूसरी तरफ हुगली मोहसिन कॉलेज के पुरुषोत्तम प्रमाणिक ने कॉलेज में वंदे मातरम हाउस बनाने की बात कही। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकारें वंदे मातरम के विकास के लिए तुरंत कदम उठाएंगी और हुगली मोहसिन कॉलेज के सेंटर में एक वंदे मातरम हाउस बनाएंगी, जहां बंकिमचंद्र चटर्जी ने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की थी और वंदे मातरम की रचना की थी। उन्हें हुगली मोहसिन कॉलेज के पूरे विकास के लिए भी कदम उठाने चाहिए।"
--आईएएनएस
