उत्तरकाशी: उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक कमलेश उपाध्याय ने शनिवार को शहर के रामलील मैदान में आयोजित मंगसीर बग्वाल कार्यक्रम में बेटी बग्वाल का शुभारंभ किया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी मुक्ता मिश्रा और एसडीएम भटवाड़ी शालिनी नेगी मौजूद रहीं।
उत्तरकाशी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में शनिवार को पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी कमलेश उपाध्याय ने पारंपरिक मंगसीर बग्वाल उत्सव में भाग लिया और 'बेटी बग्वाल' कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी मुक्ता मिश्रा और उपजिलाधिकारी भटवाड़ी शालिनी नेगी भी उपस्थित थीं।
पुलिस अधीक्षक कमलेश उपाध्याय ने जनसमूह को संबोधित करते हुए मंगसिर बग्वाल उत्सव के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह उत्सव उत्तराखंड की प्राचीन परंपराओं, लोककथाओं और सामुदायिक जीवन का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि भेला, तांदी और रांसो जैसी पारंपरिक कलाओं का जीवंत प्रदर्शन देवभूमि की गहरी सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है और सभी के लिए गौरव की बात है।
पुलिस अधीक्षक ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों, बर्तनों, स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्पों को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न स्टॉलों का भी अवलोकन किया और सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति को बधाई दी। सभी को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक उत्सव सामाजिक एकता को मजबूत करते हैं और समुदायों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मदद करते हैं।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मंगसीर बग्वाल पर्व उत्तराखंड की ऐतिहासिक एवं पौराणिक गाथाओं की धरोहर है। देवभूमि के गौरवपूर्ण इतिहास के इस लोकपर्व में भेलो, तांदी, रांसो आदि पारंपरिक संस्कृति की अद्भुत छटाएं देखने को मिलती हैं।
'बेटी बग्वाल' के उद्घाटन के अवसर पर, पुलिस अधीक्षक ने कार्यक्रम के तहत आयोजित खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली बालिकाओं और महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि उनकी उत्साहपूर्ण भागीदारी ने इस उत्सव को और भी प्रेरणादायक बना दिया है।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं और छात्राओं ने गढ़ फैशन के माध्यम से सशक्त संस्कृति और परंपरा की मंच पर छटा बिखेरी। इसके साथ ही विभिन्न लोक कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
--आईएएनएस
