Uttarakhand Environmental Clearance : पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर गिरी गाज, रेलवे समेत 86 इकाइयों के आवेदन रद्द

हरिद्वार-रुड़की में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन, रेलवे समेत 86 प्रोजेक्टों की मंजूरी रद्द
उत्तराखंड : पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर गिरी गाज, रेलवे समेत 86 इकाइयों के आवेदन रद्द

हरिद्वार:  उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राज्य में पर्यावरण से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त है। हरिद्वार और रुड़की रेलवे सहित कई उद्योग, होटल और फैक्ट्रियों की पर्यावरण संबंधी मंजूरी रद्द कर दी गई है। इस कार्रवाई के बारे में क्षेत्रीय पॉल्यूशन बोर्ड अधिकारी राजेंद्र कठैत ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत की।

उन्होंने बताया कि अब तक हमने पर्यावरण से संबंधित नियमों की अनदेखी करने के मामले में 86 आवेदनों को निरस्त कर दिया है। हर आवेदन में किसी न किसी प्रकार की खामी दिखी है। किसी में अपूर्ण जानकारी दी गई थी, तो किसी में दस्तावेज पूरे नहीं थे, जिसे देखते हुए हमने इन सभी आवेदनों को निरस्त कर दिया। हालांकि, इन आवेदनों को निरस्त करने से पहले हमने कई बार रिमाइंडर भी भेजे थे, ताकि उनकी तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आ सके। लेकिन, जब उनकी तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई, तब जाकर हमने इन आवेदनों को निरस्त किया है।

क्षेत्रीय पॉल्यूशन बोर्ड अधिकारी ने बताया कि हरिद्वार और रुड़की रेलवे की तरफ से भी साल 2021 में आवेदन किया गया था, लेकिन कुछ अपूर्ण जानकारी की वजह से हमने इन आवेदनों को निरस्त कर दिया। हालांकि, हमने इन दोनों को भी अपने आवेदन से संबंधित खामियों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया था, लेकिन जब इनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया, तब जाकर हमने यह कार्रवाई की। अब हमने उन्हें पत्र भेजा ताकि दोबारा से नई प्रक्रिया के तहत आवेदन कर सकें। अगर वो ऐसा करेंगे, तो निश्चित तौर पर हम विचार करेंगे।

उन्होंने इसकी प्रणालीगत प्रक्रिया को भी समझाया। कहा कि रेलवे को अपने परिचालन के लिए पर्यावरण मंजूरी लेनी होती है। रेलवे स्टेशन का वर्गीकरण किया गया है। रेलवे स्टेशन से सॉलिड और लिक्विड वेस्ट जेनरेट होता है। लिहाजा, उन अपशिष्ट पदार्थों का निस्तारण हो सके, इसके लिए उन्हें मंजूरी की आवश्यकता होती है। हमने जिस किसी के भी आवेदन को अस्वीकृति दी है, उन्हें ऑनलाइन इसकी जानकारी दे दी है। अब हम उन्हें ऑफलाइन माध्यम, यानी डाक के जरिए भी इसकी जानकारी दे रहे हैं, ताकि वो निकट भविष्य में दोबारा से आवेदन कर सकें।

 

 

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