Uttarkashi Cloudburst : सीएम धामी ने उत्तरकाशी में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की, बोले- युद्धस्तर पर जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन की सीएम ने समीक्षा की
सीएम धामी ने उत्तरकाशी में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की, बोले- युद्धस्तर पर जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

देहरादून: A उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उत्तरकाशी में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की। उन्होंने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तरकाशी में आज (शुक्रवार) प्रातः काल धराली में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। हेली सेवा, एमआई 17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद से सुबह से ही युद्ध स्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित वापस लाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार से पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। इस दौरान अधिकारियों से सड़क, संचार और बिजली की बहाली के साथ-साथ खाद्यान्न आपूर्ति पर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। हम शीघ्र से शीघ्र सभी प्रभावितों को सुरक्षित निकालने और सामान्य जनजीवन को बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं।

इससे पहले गुरुवार को भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा की थी। उन्होंने उत्तरकाशी के आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया था। मुख्यमंत्री ने पौड़ी गढ़वाल जिले का दौरा किया, जहां पाबौ और थलीसैंण ब्लॉकों में बादल फटने से कई लोगों की जान गई थी और घरों, सड़कों और पुलों को व्यापक नुकसान पहुंचा था।

इस दौरान अधिकारियों को विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए गए थे।

उन्होंने बताया था कि अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि यदि किसी भी स्तर पर प्रदेश सरकार से विशेष सहयोग की आवश्यकता हो, तो तुरंत अवगत कराएं। प्रभावित क्षेत्रवासियों की समस्याओं का समाधान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसके लिए हम हर ज़रूरी कदम उठाने को पूरी तरह तैयार हैं।

धराली में, 5 अगस्त को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन के बाद से करीब 50 नागरिक, आठ जवान और एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) अभी भी लापता हैं।

बादल फटने के बाद, यह इलाका काफी हद तक दुर्गम बना हुआ है, और बरतवारी, लिंचीगाड, गंगरानी, हर्षिल और धराली में प्रमुख सड़क संपर्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान फंसे हुए पर्यटकों को भोजन, चिकित्सा सहायता और आश्रय प्रदान कर रहे हैं। पुनर्स्थापना के प्रयास जारी हैं, लेकिन मौसम और भू-भाग संबंधी चुनौतियां बनी हुई हैं।

सेना के अनुसार, वापसी उड़ानों में पर्यटकों को नेलोंग हेलीपैड से निकाला जा रहा है। हर्षिल स्थित सैन्य हेलीपैड पूरी तरह से चालू है।

 

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