नई दिल्ली: मुजफ्फरनगर के खालापार इलाके के जमिया नगर निवासी अबू तालिब को यूपी पुलिस ने बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन रैकेट का भंडाफोड़ करने के बाद गिरफ्तार किया।
आगरा पुलिस ने राज्य सरकार के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए एक गिरोह के खिलाफ कदम उठाया, जो नाबालिग लड़कियों को लालच और दबाव देकर धर्म परिवर्तन के लिए निशाना बनाता था।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पूरे मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यह गिरोह छह राज्यों में सक्रिय था और अब तक दस आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। गिरफ्तार आरोपियों में अबू तालिब भी शामिल है।
हालांकि, तालिब के परिवार ने आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया है कि वह निर्दोष है और उसका धर्मांतरण नेटवर्क से कोई संबंध नहीं है।
तालिब की मां जायदा ने कहा कि मेरा बेटा निर्दोष है। वह दर्जी का काम करता है और मजदूरी करके परिवार का खर्च चलाता है। हम किराए के मकान में रहते हैं। उसके दो भाई और एक बहन हैं, तालिब सबसे छोटा है। उसका बड़ा भाई अलग काम करता है, मिठाइयां बनाता है।
उन्होंने कहा कि दो दिन पहले पुलिस ने हमारे घर में जबरन घुसकर तालिब को ले गए। उन्होंने उसका मोबाइल फोन छीन लिया। वह अपनी बहन को अस्पताल छोड़ने वाला था, जहां वह काम करती है। वह अभी ठीक से बाहर भी नहीं निकला था कि पुलिस उसे उठा ले गई। पहले पुलिस ने कहा था कि उन्हें सिर्फ कुछ जानकारी चाहिए।
जायदा ने रोते हुए कहा कि कुछ पुलिसवाले वर्दी में थे, जबकि कुछ सादे कपड़ों में। उन्होंने हमारा सुकून छीन लिया। तालिब अपनी बहन की शादी की तैयारियों में व्यस्त था। अब सब बर्बाद हो गया।
तालिब का परिवार निष्पक्ष जांच और रिहाई की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि तालिब का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह मेहनत से अपनी आजीविका कमाता है।
पुलिस ने अभी तक परिवार के दावों पर सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।