लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री नरेंद्र कश्यप ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट एक सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। उसके पास अधिकार है कि अगर उसे इसमें किसी भी प्रकार की विसंगति नजर आए, तो वो उसकी समीक्षा करके सुधार के निर्देश दे सकता है। लेकिन, इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि आज की तारीख में मतदाता सूची पुनरीक्षण हम सभी की जरूरत है। बिहार में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण कराने का निर्देश देकर निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त किया है।
उन्होंने कहा कि बिहार में 65 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। इसमें से कई फर्जी भी हैं। कई का निधन हो चुका है, तो कई दूसरे जगहों पर हैं, कई डबल वोटिंग भी करते हैं। फर्जी मतदाता लोकतंत्र की व्यवस्था के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं। अगर हमें फर्जी मतदाताओं की पहचान करनी है, तो इसके लिए हमें मतदाता सूची पुनरीक्षण का सहारा लेना ही होगा। मतदाता सूची पुनरीक्षण के जरिए हम यह जान पाएंगे कि आखिर फर्जी वोटिंग कौन कर रहा है? ऐसा करके हम अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत कर सकेंगे।
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने दावा किया कि अब धीरे-धीरे विपक्षी दलों के लोग भी इस बात को समझ रहे हैं कि फर्जी वोटिंग लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का काम करेगी।
उन्होंने एआईएमआईएम के नेता शौकत अली की महाराजा सुहेलदेव पर विवादित टिप्पणी को लेकर कहा कि आखिर कोई नेता कैसे महान हस्ती के संदर्भ में इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी कर सकता है? निश्चित तौर पर इस तरह की टिप्पणी को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। सुहेलदेव ने भारत की समृद्धि के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया। वो हिंदू धर्म के प्रहरी थे। ऐसी स्थिति में ओवैसी की पार्टी का एक नेता उनके संबंध में इस तरह की अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहा है। हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।