उज्बेकिस्तान में कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत के बाद दवा कंपनी के नोएडा आफिस पर छापा, चंडीगढ़ भेजे सैंपल

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नई दिल्ली: उज्बेकिस्तान में कफ सिरप पीने से 19 बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं। विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश के औषधि विभाग के एक दल ने गुरुवार को नोएडा स्थित उस दवा कंपनी के कार्यालय का निरीक्षण किया जिसकी खांसी की दवा कथित तौर पर पीने के बाद उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मैरियन बायोटेक कंपनी भारत में खांसी की दवा ‘डॉक-1 मैक्स’ नहीं बेचती। इस दवा का निर्यात केवल उज्बेकिस्तान को किया गया है। 

गौतम बुद्ध नगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि नोएडा सेक्टर 67 स्थित मैरियन बायोटेक के कार्यालय में गुरुवार सुबह निरीक्षण शुरू किया गया। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत के मामले के मैरियन बायोटेक से कथित तौर पर संबंध होने की जांच शुरू कर दी है। 

उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि इन 18 बच्चों ने खांसी की दवा पी थी। मैरियन बायोटेक के कानूनी मामलों के प्रतिनिधि हसन हैरिस ने कहा कि दोनों देशों की सरकारें इस मामले की जांच कर रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि सूचना मिलते ही यूपी ड्रग कंट्रोल और सीडीएससीओ की टीम ने मैरियन बायोटेक के नोएडा फैसिलिटी का संयुक्त निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फार्मा कंपनी के निर्माण परिसर से कफ सिरप के नमूने लेकर टेस्टिंग के लिए क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला चंडीगढ़ भेजे गए हैं।




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