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उडुपी, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के उडुपी में सीजेएम कोर्ट ने दस बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने और जाली पहचान पत्रों के साथ रहने का दोषी ठहराया और 2 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने हर दोषी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
मामला 11 अक्टूबर 2024 का है, जब मालपे पुलिस स्टेशन के पीएसआई प्रवीण कुमार आर ने अपने स्टाफ के साथ मालपे में वडाभंडेश्वर बस स्टैंड के पास सात लोगों को संदिग्ध हालत में देखा।
पूछताछ करने पर वे लोग भारत में रहने की अनुमति देने वाले वैध दस्तावेज पेश नहीं कर पाए। पुलिस जांच में पता चला कि इस ग्रुप ने नकली आधार कार्ड बनवाए थे और बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था और उडुपी के हुडे, पाडुथोंसे गांव में रह रहे थे।
उन्हें गिरफ्तार करने के बाद मालपे पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। सर्कल पुलिस इंस्पेक्टर के नेतृत्व में जांच के दौरान तीन और अवैध प्रवासियों का पता चला, जिससे आरोपियों की कुल संख्या 10 हो गई।
आरोपियों की पहचान हकीम अली, सुजोन एसके उर्फ फारूक, इस्माइल एसके उर्फ मोहम्मद इस्माइल हक, करीम एसके उर्फ अब्दुल करीम, सलाम एसके उर्फ मोहम्मद अब्दुल अजीज, राजिकुल एसके, मोहम्मद सोजिब उर्फ मोहम्मद अलन अली, रिमूल उर्फ अब्दुल रहमान, मोहम्मद इमाम शेख और मोहम्मद जहांगीर आलम के रूप में हुई।
जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने 8 दिसंबर को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी दस लोगों को देश में अवैध प्रवेश, जालसाजी और संबंधित अपराधों के लिए दोषी ठहराया।
--आईएएनएस
एएमटी/वीसी