उदयपुर: उदयपुर के पैसिफिक डेंटल कॉलेज और हॉस्पिटल में फाइनल ईयर की 25 वर्षीय छात्रा श्वेता सिंह की कथित आत्महत्या के बाद दो शिक्षकों को कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया है।
श्वेता ने गुरुवार रात करीब 11 बजे अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी थी। उनकी रूममेट ने उन्हें इस हालत में देखा था।
तुरंत चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
श्वेता जम्मू-कश्मीर की रहने वाली थीं, और उनके पिता एक पुलिस कांस्टेबल हैं। पुलिस को मौके से एक हस्तलिखित सुसाइड नोट मिला, जिसमें श्वेता ने दो शिक्षकों (माही मैम और भगवत सर) पर दो साल तक मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न का आरोप लगाया।
नोट में श्वेता ने दावा किया कि कॉलेज प्रशासन ने आंतरिक परीक्षाओं में देरी की, मेहनती छात्रों को फेल किया, और रिश्वत देने वालों को पास किया।
श्वेता की मौत के बाद शुक्रवार सुबह सैकड़ों छात्र कॉलेज परिसर में जमा हुए और मुख्य द्वार को ब्लॉक कर धरना दिया। उन्होंने दोषी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मामले की गहन जांच की मांग की।
बढ़ते तनाव को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने सुसाइड नोट में नामित दोनों शिक्षकों को निष्कासित कर दिया। कॉलेज संचालक राहुल अग्रवाल ने प्रिंसिपल रवि कुमार को फटकार लगाई और छात्रों को आश्वासन दिया कि दो से तीन महीने में समाधान कर लिया जाएगा।
सुखेर पुलिस स्टेशन ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और आरोपों की जांच शुरू कर दी है। पुलिस कॉलेज प्रशासन के साथ मिलकर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में जुटी है।
श्वेता के सहपाठियों के अनुसार, वह "ऑड बैच" में थीं, जिसमें वे छात्र शामिल होते हैं जो परीक्षा छूटने या 75 प्रतिशत उपस्थिति की कमी के कारण पिछड़ जाते हैं। नियमों के अनुसार, ऐसे छात्रों की छह महीने में दोबारा परीक्षा होनी चाहिए, लेकिन श्वेता की बार-बार गुहार के बावजूद उनकी लंबित परीक्षा आयोजित नहीं की गई।
छात्रों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता और देरी ने श्वेता के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला था।