नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति' विषय पर अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक हुई। लगभग तीन घंटे तक चली बैठक में युद्ध समाप्ति पर कोई निष्कर्ष नहीं निकला। इस बैठक पर रक्षा विशेषज्ञ रोविंदर सचदेव ने कहा कि यह रूस के लिए सफल रहा।
रक्षा विशेषज्ञ रोविंदर सचदेव ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अलास्का में तीन घंटे चली बैठक पूरी दुनिया में चर्चा में है। यह मीटिंग रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए सफल रही, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए सफल नहीं कह सकते, जो भारत के लिए अच्छी बात है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों रूस-यूक्रेन में सीजफायर होगा या पहले शांति का फॉर्मूला बनेगा। पुतिन का कहना है कि पहले पीस फॉर्मूला बनाओ, उसके बाद मैं सीजफायर करूंगा। यूक्रेन, यूरोप और अमेरिका की कुछ हद तक मांग थी कि पहले युद्धविराम हो, उसके बाद शांति का फॉर्मूला बनाते हैं। इसमें यूरोप पीछे हटता दिख रहा है। यह मीटिंग दो पहलू को लेकर की गई थी, एक था रूस-अमेरिका के रिश्ते वापस पटरी पर आएं और दूसरा यूक्रेन-रूस में सीजफायर। यह बैठक सकारात्मक होने से भारत पर लगने वाले अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ हट सकते हैं। शांति का फॉर्मूला जेलेंस्की की सहमति पर ही संभव है, वह चाहे अमेरिका के दबाव में हो या रूस के दबाव से संभव हो। यह रूस की एक तरह की जीत है।
उन्होंने दोहराया कि यह मीटिंग रूस के लिए सफल रही है। भारत के हित में भी यह बैठक अच्छी रही है। भारत पर तेल पर प्रतिबंध अब नहीं बढ़ेगा और हटने की संभावना ज्यादा है। यह युद्ध जितना लंबा चलेगा, चीन रूस के करीब होता जा रहा है। ट्रंप ने कहा कि आगे की बातचीत में जेलेंस्की शामिल हो सकते हैं। ट्रंप के लिए यह कहना जरूरी है, नहीं तो आने वाले समय में चीन अगर बीच में आ जाता है तो अमेरिका के लिए समस्या और बढ़ेगी। युद्धविराम न होने के बावजूद बैठक के बाद रूस पर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं हुई, जिसे पुतिन की बड़ी सफलता माना जा रहा है।