Swami Korgajja Temple : न्याय के देवता के रूप में पूजा, रात को होते हैं खास अनुष्ठान

स्वामी कोरगज्जा मंदिर—अमावस्या पर रहस्यमयी अनुष्ठान और अटूट आस्था
स्वामी कोरगज्जा मंदिर : न्याय के देवता के रूप में पूजा, रात को होते हैं खास अनुष्ठान

नई दिल्ली: कर्नाटक के मैंगलोर में एक ऐसा मंदिर है, जहां सुरक्षा और न्याय पाने के लिए भक्तों की भीड़ लगती है। अमावस्या की रात को खास अनुष्ठान होते हैं। अनोखा और दैवीय नजारा हर अमावस्या की रात को स्वामी कोरगज्जा मंदिर में देखने को मिलता है।

मैंगलोर के पास एक गांव में स्वामी कोरगज्जा मंदिर को धर्म के देवता के रूप में पूजा जाता है। वहां के लोगों का मानना है कि स्वामी कोरगज्जा भगवान शिव के अवतार हैं और वह पूरे शहर की सुरक्षा करते हैं।

मंदिर में कोरगज्जा की प्रतिमा के पास एक नाग को भी देखा जाता है। भक्तों की आस्था है कि मंदिर में दिखने वाला नाग स्वामी कोरगज्जा ही हैं, जो भक्तों की परेशानी को दूर करने के लिए आते हैं। इस मंदिर की कई तरह की रहस्यमयी कहानियां मौजूद हैं।

स्वामी कोरगज्जा के मंदिर को न्याय का धाम कहा जाता है। भक्तों का मंदिर पर इतना दृढ़ विश्वास है कि उनका मानना है कि मंदिर में मांगी हर मनोकामना पूरी हो जाती है या उनसे जुड़े शुभ संकेत मिलने लगते हैं। यहां प्रसाद के रूप में मदिरा, चकली और सुपारी भेंट की जाती हैं।

इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां धर्म का बंधन नहीं है। मंदिर में स्वामी कोरगज्जा का आशीर्वाद लेने के लिए अलग-अलग धर्म के लोग आते हैं। भक्तों का मानना है कि अज्जा के लिए हर इंसान बराबर है। मंदिर में स्वामी कोरगज्जा को प्रसन्न करने के लिए हर साल अपने-अपने समुदाय की भलाई के लिए पारंपरिक कोला उत्सव का आयोजन करते हैं। इसमें एक व्यक्ति घास और पत्ते लपेटे कोरगज्जा के गीत गाकर उन्हें प्रसन्न करता है। पुराने समय से ही कोला उत्सव में महिलाओं का आना मना होता है।

स्वामी कोरगज्जा के मंदिर सिर्फ मैंगलोर में ही नहीं बल्कि कर्नाटक के कई क्षेत्रीय गांवों में भी देखने को मिल जाएंगे। हर मंदिर भक्तों को न्याय और खोई हुई चीजों को वापस दिलाने के लिए प्रसिद्ध है।

--आईएएनएस

 

 

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