नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को राज्यसभा में नियम 267 के तहत 'नोटिस फॉर मोशन' प्रस्तुत किया। यह नोटिस मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रियाओं की अखंडता से संबंधित गंभीर मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए दिया गया है।
सुरजेवाला ने इस प्रस्ताव के माध्यम से सदन में शून्यकाल, प्रश्नकाल और दिन के अन्य कार्यों को निलंबित कर मतदाता सूची से जुड़ी चिंताओं पर विचार-विमर्श की मांग की है।
उन्होंने अपने नोटिस में कहा, "यह सदन चुनावी प्रक्रियाओं की अखंडता के बारे में चिंताओं पर चर्चा करने के लिए प्रासंगिक नियमों को निलंबित करे। सदन को पर्याप्त सुरक्षा उपायों, पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया के अभाव में अनिश्चित समुदायों को मतदाता सूची से बाहर किए जाने की गंभीर चिंताओं पर विचार करना चाहिए।"
सुरजेवाला ने अपने प्रस्ताव में कहा कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है। मतदाता सूची से लोगों को हटाने की प्रक्रिया में यदि उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर सकता है।
इस नोटिस के जरिए उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और सदन में विस्तृत चर्चा की मांग की है।
यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब देश में मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रियाओं की निष्पक्षता को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
इससे पहले सुरजेवाला ने 12 अगस्त को भी नोटिस ऑफ मोशन दिया था। राज्यसभा के महासचिव को लिखे पत्र में वे 12 अगस्त को सदन में निर्धारित शून्यकाल, प्रश्नकाल और दिन के अन्य कार्यों को स्थगित कर केवल इस मुद्दे पर चर्चा चाहते थे।
12 अगस्त से पहले कांग्रेस सांसद ने 6 अगस्त को भी राज्यसभा के महासचिव को नोटिस ऑफ मोशन देकर चुनावी प्रक्रियाओं की अखंडता को लेकर गंभीर चिंता जताई थी।