Sonam Wangchuk Detention : सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सोमवार को 'सुप्रीम' सुनवाई, पत्नी ने लगाया गैरकानूनी हिरासत का आरोप

सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुनवाई, पत्नी ने लगाई गुहार
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सोमवार को 'सुप्रीम' सुनवाई, पत्नी ने लगाया गैरकानूनी हिरासत का आरोप

नई दिल्ली: लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता और नेता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी मामले में अब सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करेगा। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेगा।

इस याचिका की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की दो सदस्यीय पीठ करेगी। याचिका में कहा गया है कि सोनम वांगचुक को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है और उन्हें किसी वैधानिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया।

वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें एक सप्ताह से अधिक समय से अपने पति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। न तो पुलिस प्रशासन और न ही स्थानीय अधिकारी इस बात की स्पष्ट जानकारी दे रहे हैं कि वांगचुक कहां और किस स्थिति में हैं। याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट तुरंत हस्तक्षेप करते हुए सोनम वांगचुक को अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दे, ताकि उनकी सुरक्षा और कानूनी अधिकार सुनिश्चित किए जा सकें।

इससे पहले, बुधवार को गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक भावुक पत्र लिखा और पति की रिहाई की मांग की। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि मेरे पति को पिछले 4 साल से लोगों के हितों के लिए काम करने की वजह से बदनाम किया जा रहा है। वह कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं बन सकते।

बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में 24 सितंबर को हुई हिंसा के मामले में चार लोगों की जान चली गई थी। यह हिंसा लेह में लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई। करीब 90 लोग हिंसा के दौरान घायल हुए थे।

26 सितंबर को सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया। इसके बाद उन्हें राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में भेजा गया। इसके अलावा, प्रशासन ने चार लोगों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है। हालांकि, स्थानीय लोगों ने न्यायिक जांच की मांग उठाई थी।

 

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