Udaipur Files Film Release: 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, दिल्ली हाईकोर्ट करेगा अगली सुनवाई
'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट को सौंपते हुए निर्देश दिया कि सभी पक्ष वहां अपनी दलील पेश करें।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने फिल्म पर रोक की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

इसका मतलब है कि फिल्म के निर्माता केंद्र सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय की समिति द्वारा सुझाए गए छह बदलावों के साथ फिल्म को रिलीज कर सकते हैं। 'उदयपुर फाइल्स' कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित है, जो साल 2022 में उदयपुर में ‘सर तन से जुदा’ नारे के साथ हुआ था। इस घटना ने देशभर में सनसनी फैला दी थी। फिल्म के ट्रेलर और डायलॉग को लेकर विवाद उठा था, जिसके बाद जमीयत ने इसे सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाते हुए रिलीज पर रोक की मांग की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सुझाए गए संशोधनों का पालन करने की बात निर्माताओं से कही।

एडवोकेट बरुण सिन्हा ने बताया, "दिल्ली हाईकोर्ट यह तय करेगी कि केंद्र सरकार के 21 जुलाई 2025 के आदेश से कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं। हाईकोर्ट को यह अधिकार है कि वह फिल्म पर कोई आदेश दे या न दे। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज पर रोक नहीं लगाई, इसलिए निर्माता कभी भी फिल्म रिलीज कर सकते हैं। शनिवार और रविवार को छुट्टी होने के कारण हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले रिलीज होने की संभावना ज्यादा है। यह फिल्म निर्माताओं और उन दर्शकों के लिए बड़ी राहत है, जो इस फिल्म को देखना चाहते हैं।

वहीं, कन्हैया लाल हत्याकांड में आरोपी मोहम्मद जावेद की जमानत रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। कोर्ट ने जावेद को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। कन्हैया लाल के बेटे और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने राजस्थान हाईकोर्ट के जावेद को जमानत देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

याचिका में कहा गया है कि जावेद का अपराध गंभीर है, क्योंकि उसने हत्यारों को कन्हैया लाल के ठिकाने और दुकान में उनकी मौजूदगी की जानकारी दी थी, जिससे हत्या को अंजाम देना आसान हुआ। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर जावेद को नोटिस जारी किया था।

 

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