चंडीगढ़: चंडीगढ़ के विशेष प्रशासन के लिए शीतकालीन सत्र में 131वां संविधान संशोधन लाने को लेकर विवाद जारी है। शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) इसका विरोध कर रहा है। पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को कहा कि इसका मकसद चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कम करना है।
सुखबीर सिंह बादल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बताया कि पार्टी ने इस विषय पर सोमवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। उन्होंने लिखा, "मैंने सोमवार को दोपहर 2 बजे चंडीगढ़ में पार्टी हेड ऑफिस में पार्टी की कोर कमेटी की एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में पंजाब विरोधी संविधान (131वां संशोधन) बिल के खिलाफ एक मजबूत और निर्णायक जवाब की योजना बनाने और उसे तैयार करने पर चर्चा होगी। इस बिल का मकसद चंडीगढ़ पर पंजाब के सही दावे को खत्म करना है"
बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल केंद्र के इस बिल का विरोध करेगा। उन्होंने लिखा, "मैं पंजाब के लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि इस पंजाब विरोधी बिल और फेडरल स्ट्रक्चर पर खुलेआम हमले का अकाली दल हर मोर्चे पर मुकाबला करेगा और केंद्र की इस चाल को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। मैं फिर कहता हूं: चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार बिना किसी समझौते के है।"
पंजाब के पूर्व मंत्री दलजीत चीमा ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा, "शिरोमणि अकाली दल ने कभी सोचा भी नहीं था कि देश भर में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के मौके पर हो रहे प्रोग्राम के मौके पर केंद्र सरकार पंजाब से चंडीगढ़ छीनने की साजिश रचेगी। इस ऐतिहासिक मौके पर, हमारी उम्मीद थी कि केंद्र पंजाब के जख्मों पर और नमक छिड़कने के बजाय, कुछ पुरानी नाइंसाफी को दूर करेगा। केंद्र द्वारा आने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में संविधान (131वां संशोधन) बिल लाए जाने की खबर ने पूरे पंजाब को अंदर तक हिला दिया है।"
उन्होंने आगे लिखा, "पंजाब विरोधी इस कदम का विरोध करने के लिए, शिरोमणि अकाली दल ने 24 नवंबर को दोपहर 2 बजे चंडीगढ़ में पार्टी हेडक्वार्टर में अपनी कोर कमेटी की एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है, जिसकी अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल करेंगे। वरिष्ठ संवैधानिक विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करने के बाद, मीटिंग में इस बिना सोचे-समझे और जल्दबाजी में लिए गए गलत फैसले के खिलाफ पार्टी की अगली रणनीति तय की जाएगी।"
--आईएएनएस
